धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड वैक्सीन की 50 लाख डोज ब्रिटेन को निर्यात करना चाहता था. इसको लेकर कंपनी ने सरकार से कई राउंड की बातचीत की, लेकिन सरकार ने SII के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कंपनी की दलील थी कि ब्रिटेन के साथ वैक्सीन देने को लेकर पहले ही समझौता हुआ था. भारत सरकार ने वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए SII के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. सीरम इंस्टीट्यूट ने 23 मार्च को मंत्रालय से ब्रिटेन को कोविशील्ड की 50 लाख खुराक की सप्लाई करने की अनुमति मांगी थी. सीरम इंस्टीट्यूट ने इस संबंध में एस्ट्राजेनेका के साथ एक समझौते का हवाला दिया था और भारत को भरोसा दिलाया था कि इस आपूर्ति से उसका कोरोना वायरस वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रभावित नहीं होगा. अब सरकार ने कहा है कि इन 50 लाख वैक्सीन का इस्तेमाल 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 18-44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए किया जाएगा.सरकार ने राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को इन वैक्सीन को खरीदने के लिए कहा है. कहा जा रहा है कि 50 लाख वैक्सीन के लेबल अब बदलने होंगे. दलअसल इन वैक्सीन पर पहले से ही ब्रिटेन का नाम लिखा हुआ था. लेकिन अब इनके लेबल को बदलने होंगे. बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने तैयार की है. इस वैक्सीन का निर्माण पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया जा रहा है.इस बीच भारत बायोटेक ने दिल्ली और महाराष्ट्र सहित 14 राज्यों को कोविड-19 की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ की सीधी आपूर्ति एक मई से शुरू कर दी है.हैदराबाद स्थित कंपनी ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए आवंटन के अनुसार कोविड-19 की वैक्सीन की आपूर्ति शुरू की है.