सियाराम मिश्रा -वरीय संपादक वाराणसी से : 15 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करीब 1500 करोड़ रुपये से ज़्यादा की योजनाओं का तोहफा देंगे. इनमें सबसे खास होगा भारत और जापान की दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर इस सेंटर के जरिए काशी की कला और संस्कृति को नया अत्याधुनिक मंच मिलेगा. खास बात ये है कि बदले में काशी ने भी पीएम को रिटर्न गिफ्ट देने की तैयारी कर ली है. मोदी काशी को रुद्राक्ष देंगे तो बदले में काशी भी मोदी को रुद्राक्ष देगी. हां, ये रुद्राक्ष काशी की काष्ठ कला की एक नायाब प्रतिमूर्ति होगी.जी हां, जीआई पंजीकृत हस्त शिल्प में शुमार लकड़ी खिलौना क्राफ्ट और जरदोजी क्राफ्ट नई ऊंचाइयों को 15 जुलाई को तब छुएगा, जब प्रधानमंत्री का अभिनंदन भारत जापान मैत्री के प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेन्टर के लोकार्पण के अवसर पर, जीआई क्राफ्ट से स्वागत होगा और भेंट किया जाएगा. पद्मश्री सम्मानित डॉ. रजनीकांत के मार्गदर्शन में लकड़ी खिलौना के नेशनल मेरिट अवॉर्डी रामेश्वर सिंह और स्टेट अवॉर्डी राजकुमार के साथ कुशल शिल्पिओं की टीम ने एक हफ्ते की लगातार कोशिश से रुद्राक्ष भवन के मॉडल को तैयार किया है. दूसरी तरफ लल्लापुरा निवासी मास्टर शिल्पी मुमताज अली ने जरदोजी और रुद्राक्ष के दानों का अद्भुत प्रयोग करते हुए अंगवस्त्र बनाया और जरी से ही उकेर कर रुद्राक्ष लिखा है, जिसे उन्हें तैयार करने में 8 दिन का समय लगा है.छही सारनाथ के बुनकर बच्चे लाल मौर्या ने बीएचयू में आयोजित कार्यक्रम के लिए गीता श्लोक और वन्दे मातरम् कैलीग्राफी अंगवस्त्र को बुन कर भेज दिया है. डॉ. रजनी कांत ने बताया कि यह अंगवस्त्र और रुद्राक्ष मॉडल प्रशासन को दिया जा चुका है.शिल्पिओं के समग्र विकास में यह रुद्राक्ष भवन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और पर्यटन के साथ ही जीआई उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा. जापान सरकार के साथ शिल्प कला विकास के नए द्वार भी खुलेंगे और आत्म निर्भर भारत में लोकल को ग्लोबल तक पहुंचाने में मील का पत्थर सबित होगा.