पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर कांग्रेस पूरे देश में प्रदर्शन करने में जुटी हुई है। वहीं, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए यह बात कही कि पेट्रोल-डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर मोदी सरकार ने 18 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले हैं।
सोनिया गांधी ने आगे यह भी कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी का कहर और दूसरी तरफ महंगे पेट्रोल-डीजल की मार ने देशवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर को भी पार कर गई हैं। लॉकडाउन के बाद मोदी सरकार ने 22 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाई हैं।
यही नहीं, सोनिया गांधी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम उस वक्त बढ़ाए जा रहे हैं, जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो रही है। वर्ष 2014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा देने की बजाए पेट्रोल-डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, जिसे सरकार ने 18 लाख करोड़ की अतिरिक्त वसूली की।
सोनिया गांधी की मानें तो यह मोदी सरकार की जिम्मेदारी है कि मुश्किल समय में देश वासियों का सहारा बने, उनकी मुसीबत का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी ना करें। पेट्रोल-डीजल की अन्यायपूर्ण बढ़ोतरी ने सरकार द्वारा देशवासियों से जबरन वसूली का एक नया उदाहरण पेश किया है जो ना केवल अन्याय पूर्ण है बल्कि संवेदनहीन भी है।
बताते चलें कि सोनिया गांधी ने आगे यह भी कहा कि बढ़ी कीमतों की सीधी चोट किसान-गरीब-नौकरी पेशा वाले मध्यमवर्ग और छोटे-छोटे उद्योगों पर पड़ रही है… मैं मोदी सरकार से यह मांग करती हूं कि कोरोना महामारी के संकट में पेट्रोल-डीजल की बढ़ाई गई कीमतें फौरन वापस ली जानी चाहिए व साथ ही एक्साइज ड्यूटी को भी वापस लिया जाए।
प्रिया की रिपोर्ट.