उमर फारूक की रिपोर्ट दिल्ली से . देश भर में आज बकरीद का त्यौहार उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर मस्जिदों में नमाज अदा करने की तैयारियां चल रही है. दिल्ली की जामा मस्जिद में भी लोग नमाज अदा करने पहुंचे. वहीं कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक डेल्टा स्वरूप के प्रति बढ़ती चिंताओं के बीच दिल्ली समेत देश भर में ईद उल अज़हा का त्योहार बुधवार को मनाया जा रहा है. दिल्ली के आसमान में बादलों के छाए रहने की वजह से चांद के दीदार नहीं हो सके थे, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय समेत कई राज्यों में चांद दिखा था. चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना डॉ मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया, ‘दिल्ली के आसमान में बादल छाए रहने की वजह से चांद नहीं दिख पाया है, लेकिन उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बिजनौर, नगीना, बिहार के पटना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल असम और मेघालय समेत कई राज्यों और शहरों में रविवार को इस्लामी कलेंडर के आखिरी महीने ज़ुल हिज्जा का चांद दिखने की खबर आई है और इसकी तस्दीक (पुष्टि) हुई. ‘लिहाज़ा ईद-उल-अज़हा का त्योहार 10 ज़ुल हिज्जा यानी 21 जुलाई, बुधवार को मनाया जाएगा.’ बता दें कि बकरीद का त्योहार चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है और ईद उल ज़ुहा या अज़हा या बकरीद, ईद उल फित्र के दो महीने नौ दिन बाद मनाई जाती है. मुस्लिम संगठन इमारत ए शरीया हिंद ने भी 21 जुलाई को बकरीद का त्योहार मनाने का ऐलान किया है. संगठन ने एक बयान में बताया कि इमारत ए शरीया हिंद की रुअत ए हिलाल (चांद समिति) के सचिव हकीमुद्दीन कासमी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तसदीक की गई कि देश के अन्य हिस्सों में चांद दिखा है, लिहाजा ईद-उल-अज़हा 21 जुलाई को मनाई जाएगी.जामा मस्जिद के नायब शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि रात को ज़ुल हिज्जा का चांद दिख गया है और बकरीद का त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा.बुखारी ने कहा, ‘हमें कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कोविड गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए. हमने जामा मस्जिद में सीमित संख्या में लोगों को नमाज अदा करने की अनुमति दी है.’इस बार दिलचस्प है कि केरल में भी बकरीद बाकी देश के साथ मनाई जाएगी. केरल में अक्सर रमज़ान, ईद-उल-फित्र और बकरीद अरब मुल्कों के अनुसार मनाई जाती है. इस बार केरल में मुस्लिम संगठन ‘समस्त केरल जेम इय्याथुल उलमा’ ने उलेमा (धर्म गुरुओं) के हवाले से कहा कि नया चांद नहीं दिखा है, जिसके बाद 21 जुलाई को बकरीद मनाने का फैसला किया गया है.मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि अक्सर केरल में अरब देशों के साथ ईद का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन ऐसा कई बार हुआ है कि केरल और देश के अन्य हिस्सों में एक ही दिन त्योहार मनाया हो, लेकिन आम तौर पर यह नहीं होता है.