पटना, 8नवम्बर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय 41वाँ महाधिवेशन आगामी 12-13फरवरी 2022को आयोजित किया जाएगा। भारत की स्वतंत्रता के अमृत-महोत्सव और महान कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु के जन्म-शताब्दी को समर्पित इस महाधिवेशन में बिहार के ही नहीं, देशभर के साहित्यकारों का महाकुंभ लगेगा। हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में मूल्यवान योगदान देने वाली विदुषियों और विद्वानों को, बिहार के दिवंगत साहित्याकारों से नामित अलंकरणों से सम्मानित भी किया जाएगा। आयोजन के प्रथम दिन संध्या में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के अतिरिक्त एक विराट राष्ट्रीय कवि सम्मेलन भी संपन्न होगा। रविवार की संध्या सम्मेलन सभागार में सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर ये निर्णय लिए गए। लिए गए निर्णय के अनुसार, महाधिवेशन के प्रथम दिन उद्घाटन-सत्र के पश्चात ‘भारत की स्वतंत्रता में साहित्यकारों के अवदान’ पर एक वैचारिक सत्र का संचालन होगा। भोजनावकाश के बाद दूसरे वैचारिक सत्र में रेणु-साहित्य पर विमर्श किया जाएगा। वैचारिक-सत्रों के पश्चात सम्मेलन के कला विभाग के तत्त्वावधान में स्वतंत्रता-संग्राम पर केंद्रित एक नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति की जाएगी,जिसके बाद विराट कवि-सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें राष्ट्रीय मंचों के अनेक बड़े कवि अपने काव्य-पाठ का आस्वादन देंगे।महाधिवेशन के दूसरे और अंतिम दिन, दो अन्य वैचारिक सत्रों और सम्मेलन की स्थाई समिति की बैठक के अतिरिक्त सम्मान-सह समापन सत्र का आयोजन होगा, जिसमें विदुषियों और विद्वानों को उनकी मूल्यवान हिन्दी-सेवा के लिए विविध नामित अलंकरणों से विभूषित किया जाएगा। महाधिवेशन का स्वागताध्यक्ष पूर्व सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा को नामित किया गया। आयोजन की स्वागत समिति समेत सभी उपसमितियों के गठन तथा अतिथियों को आमंत्रित करने हेतु, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ को अधिकृत किया गया है। बैठक में सम्मेलन के वरीय उपाध्यक्ष नृपेंद्रनाथ गुप्त, डा शंकर प्रसाद, प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, साहित्यमंत्री डा भूपेन्द्र कलसी, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी और साहित्यसेवी श्यामजी सहाय, प्रचार मंत्री डा ध्रुब कुमार, प्रो बासुकीनाथ झा, लोकभाषा मंत्री डा पुष्पा जमुआर, अर्थमंत्री सुनील कुमार दूबे, पुस्तकालय मंत्री जय प्रकाश पुजारी, ज्ञानवर्द्धन मिश्र, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, बच्चा ठाकुर, डा नागेश्वर यादव, ज्ञानेश्वर शर्मा, डा अर्चना त्रिपाठी, आराधना प्रसाद, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, पं गणेश झा, कुमार अनुपम, आनंद किशोर मिश्र, डा अमरनाथ प्रसाद, राजेश भट्ट, अभय सिन्हा, अमरेन्द्र कुमार, बाँके बिहारी साव, श्याम बिहारी प्रभाकर, श्रीकांत व्यास, डा दिनेश दिवाकर, चितरंजन भारती तथा संजीव कुमार मिश्र उपस्थित थे।