जितेन्द्र कुमार सिन्हा, (नोएडा), 12 ::आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेश) द्वारा आयोजित राष्ट्र्व्यापी व्याख्यानमाला के अन्तर्गत नोएडा में देश के दिवंगत प्रधानमंत्री स्व लालबहादुर शास्त्री की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने शास्त्री को माँ भारती के यशस्वी पुत्र की संज्ञा देते हुए कहा कि 1962 के भारत चीन युद्ध में हिंदुस्तान की शर्मनाक हार से हर भारतीय मायूस था, लेकिन 1965 में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से परास्त किया। देश ने तीन वर्षों के अंदर भारतीय सेना का बढ़ता हुआ आत्मविश्वास देखा। अंतर था 1962 में देश की बागडोर नेहरू जी के पास थी लेकिन 1965 में शास्त्री जी देश की अगुवाई कर रहे थे।उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व खाद्यान संकट से देश जूझ रहा था, वहीं 1962 की हार से बुझे मनोबल को एक चुनौती के रूप में शास्त्री जी ने लिया और एक नारा ‘जय जवान जय किसान‘ ने देश की तकदीर बदल दी। भारत ने पाकिस्तानी सेना का कचूमर निकाल दिया था। एक अपराजेय जीत के बाद, ताशकंद में स्व शास्त्री की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत ने एक सुनहरे अध्याय पर विराम लगा दिया।उक्त अवसर पर प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने स्व शास्त्री जी को एक अद्भुत रणनीतिकार, लोकप्रिय राजनेता एवं सादगी का प्रतीक बताया।ग्लोबल महासचिव अनुराग सक्सेना ने स्व शास्त्री जी की जीवन यात्रा को फर्श से अर्श का सफर बताते हुए कहा कि अमृत महोत्सव के 14 अगस्त 2022 तक मनाए जाने के इस महाअभियान के दौरान पूरे देश में स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान कायस्थ विभूतियों पर विस्तृत चर्चा से, इस आयोजन की सार्थकता बेहतर हुई है।कायस्थ एंथम एवं राष्ट्रगान के साथ भगवान चित्रगुप्त की आराधना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। अनेक विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया।अतिथियों का स्वागत पश्चिम उत्तरप्रदेश जीकेसी के अध्यक्ष श्री शुभ्रांशु शेखर एवं महासचिव श्री राजीव सक्सेना ने किया।उक्त अवसर पर नवरत्न फाउंडेशन के संयोजक अशोक श्रीवास्तव, एलेनजेपी के के महासचिव अभय सिन्हा, दिल्ली जीकेसी के अध्यक्ष सुनील कुमार, हरियाणा की अध्यक्ष रजनी श्रीवास्तव, गाजियाबाद चित्रगुप्त सभा के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव,अनुरंजन श्रीवास्तव, अवनीश श्रीवास्तव, आलोक अविरल, हीरालाल कर्ण, सूबाला वर्मा, राजीव कांत, राकेश अम्बष्ठ, प्रशांत सिन्हा, अगम श्रीवास्तव, विपिन श्रीवास्तव, बबली सिन्हा, प्रजेश शंकर, शालिनी सिन्हा, राजकुमार, बीके मल्लिक समेत अनेक विशिष्टगण उपस्थित थे।