प्रिया की रिपोर्ट /वरिष्ठ रंगकर्मी व साहित्यकार डॉ घनश्याम प्रसाद का निधन, साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ नें दुःख जताया.राजधानी पटना के लोहानीपुर निवासी डॉ घनश्याम प्रसाद पेशा से वेटनरी डॉक्टर रंगमंच के साथ साथ वरिष्ठ रंगकर्मी और साहित्य लेखन में वरिष्ठ साहित्यकार जिन्होंने अपने जीवन काल में कई ऐसे रचनाओं का सृजन किया जिससे उनकी ख्याति भी मिली। साथ ही पटना रंगमंच के प्रख्यात चरित्र अभिनेता डॉ घनश्याम प्रसाद का आज के दिन हृदयाघात से रंगमंच और साहित्य की दुनिया से जाने पहचाने नाम का निधन पर काफी गहरा लोगों ने शोक व्यक्त किया। खास करके पशुपालन विभाग के डॉक्टर होने के साथ-साथ इन्होंने हर क्षेत्र की कठिनाई को देखते हुए हर लोगों की निवारण अपने तरफ से तन मन धन से किया करते थे। डॉक्टर घनश्याम जी के श्रद्धांजलि समारोह में बिहार के कला संस्कृति पुरुष वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन चौधरी”सन्त” ने व्यक्त करते हुए कहा डॉ घनश्याम समाज के हर वर्गों की सेवा तन मन धन से करते थे और कला सांस्कृतिक में अपना धन भी लगाते थे।उनके द्वारा कई ऐसे बड़े बड़े आयोजनों का संचालन किया गया जो सफल रहा।रंगमंच और साहित्य के साथ-साथ उन्होंने फिल्म “रस्मो की जंजीर” में बतौर चरित्र अभिनेता के हैसियत से आपने भूमिका किया और काफी प्रशंसनीय इनकी भूमिका रही थी। साथी इनके बड़े सुपुत्र फिल्म अभिनेता/निर्देशक /निर्माता संजीव टोनी हैं।जो अपने छेत्र अच्छा काम कर रहे हैं।इनके निधन के बाद चार पुत्र एक पुत्री परिवार को छोड़ कर के स्वर्ग लोक की ओर प्रस्थान कर गए। आज जैसा कि गुलबी घाट उनका संस्कार कर दिया गया।बड़े बेटे संजीव टोनी ने मुखाग्नि दी।इस अवसर पर रंगकर्मी,साहित्यकार, समाज सेवी, राजनीति राजनेता और हर वर्ग के लोग गुल्बी घाट पर अंतिम दर्शन के लिए उपस्थित हुए।