निखिल दुबे की रिपोर्ट / भारत सरकार के आदेशों के अनुपालन में सी.आर.पी.एफ मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए लखनऊ स्थित मध्य सेक्टर, सी.आर.पी.एफ कार्यालय के प्रांगण में 26 नवम्बर 2022 को प्रात: 11.00 बजें श्री राजीव रंजन, भा0पु0से0, पुलिस उप महानिरीक्षक की अध्यक्षता में संविधान सभा समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के दौरान श्री सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक अन्य राजपत्रित अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी, तथा अन्य रैंक के कार्मिक एवं जवानों ने इसमें भाग लिया।संविधान दिवस समारोह में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों और जवानों ने ठीक 11.00 बजे भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा। समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री राजीव रंजन, भा0पु0से0, पुलिस उप महानिरीक्षक ने आगे बताया कि भारत एक गणतंत्र देश है। भारत के पहले राष्ट्रपति डा0 राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। डॉ0 भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया तथा 2 वर्ष 11 माह 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किए गए भारत के संविधान को 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत एवं आत्मार्पित किया गया। इसी की याद में भारत सरकार द्वारा पहली बार 26 नवम्बर 2015 को संविधान दिवस मनाया गया तथा तभी से प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। श्री रंजन ने आज के दिन पढ़ी जाने वाली प्रस्तावना की विशेषता के बारे में बताते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती हैं और इसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता सुनिश्चित करना और राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए बंधुत्व को बढ़ावा देना है। हमारे संविधान ने ब्रिटेन, आयरलैंड, जापान, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया और कनाडा से भी उनके संविधान के अच्छे गुणों को अपने अंदर समाहित किया है। भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है तथा संविधान की मूल हस्तलिखित प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में संरक्षित हैं। इस प्रकार हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ तथा भारत एक गणराज्य बना। इस अवसर पर उन्होंने सभी को भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुये आवाह्रन किया हर किसी के हितों की रक्षा हो, ऐसा विधान है। सबको जोड़कर रखे, ऐसा भारत का संविधान है। भारत के संविधान में नागरिकों को अपार संवैधानिक शक्ति प्रदान की है और साथ में कुछ नागरिक कर्तव्य भी.अधिकार का आनंद लें, परंतु कर्तव्यों को भी पूरा करें, यही सच्ची भारतीयता है।