अजित सिंह की रिपोर्ट : जिला पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन को मिली गुप्त सूचना पर सुरक्षाबलों को एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ सफलता मिली है. सुरक्षाबलों ने बुढ़ा पहाड़ इलाके में नक्सलियों द्वारा छिपाये गये चार अत्याधुनिक हथियार और अन्य सामान बरामद किया है।एसपी अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि बुढ़ा पहाड़ के जोकपानी इलाके में नक्सलियों ने हथियार और गोला-बारूद छिपा रखा है। इस सूचना के बाद जिला पुलिस, कोबरा 209 बटालियन और सीआरपीएफ के जवानों ने संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने एक मशीनगन, दो एसएलआर राइफल, एक इंसास राइफल समेत 470 गोलियां बरामद कीं।2022 की सबसे बड़ी सफलता झारखंड पुलिस के द्वारा चलाया गया ऑपरेशन ऑक्टोपस और डबल बुल था। बूढ़ा पहाड़ कॉर्पोरेशन ऑक्टोपस के जरिए क्लीन करवाया गया जबकि बुलबुल जंगल को ऑपरेशन डबल बुल के जरिए। झारखंड सहित तीन राज्यों में माओवादियों के मुख्यालय के तौर पर बूढ़ापहाड़ का इस्तेमाल पिछले तीन दशक से हो रहा था। 1990 से ही घोर नक्सल प्रभाव वाला इलाका रहा बूढ़ापहाड़ झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के माओवादियों के लिए बड़ा आश्रय स्थल था।केंद्रीय गृह मंत्रालय के टास्क पर काम करते हुए झारखंड पुलिस ने 32 साल से माओवादी गतिविधियों के केंद्र रहे बूढ़ापहाड़ को नक्सल मुक्त करा लिया है। बूढ़ापहाड़ को नक्सलमुक्त कराने के लिए साल 2022 में पुलिस और सीआरपीएफ ने ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाया था। अब बूढ़ापहाड़ पर सात कैंप बना दिए गए हैं। नदी नालों पर पुल बांध दिए गए हैं। बूढ़ा पहाड़ फिलहाल नक्सलियों से मुक्त है जवानों की यह कोशिश है कि अब दोबारा इस पहाड़ पर नक्सलियों को नहीं आने दिया जाए।