कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के बोर्ड रूम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष्य में प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह ने कहा कि महंगी शिक्षा के कारण ज्ञान का पलायन होगा तो समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। शिक्षक छात्रों को ज्ञान देते हैं वहीं दूसरी ओर राजनीतिक व्यक्ति समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जो कार्य करते हैं वह जनता के हित में हो रहा है कि नहीं इस पर पूरी तरह से सजग रहकर कार्य करना होगा।इन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि देश में उच्च स्तर की शिक्षा देना सरकार की जिम्मेवारी है, लेकिन आज उच्च स्तर के शिक्षा को जितना महंगा बना दिया गया है ये आम लोगों के पहुंच से बाहर हो गया है।इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष श्री आदित्य नारायण मिश्रा ने विस्तारपूर्वक नई शिक्षा नीति के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति पूरी तरह से व्यवसायिक दृष्टिकोण से बनाई गई है। इसमें छात्रों को उपभोक्ता के तौर पर पढ़ने के लिए बाध्य किया जा सकता है। क्योंकि सरकार ने जिस तरह से नीतियों का निर्धारण किया है ये सरकारी स्कूल और काॅलेज को समाप्त करने की दिशा में बनाया गया पाॅलिसी मालूम पड़ता है। इन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति में इतिहास और ऐतिहासिक बातों को सिलेबस से समाप्त कर नये तरीके से एजेंडे मुताबिक तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने का एक अभियान है। केन्द्र सरकार वैसी गलतियां न करे जो इतिहास और ऐतिहासिक घटनाओं को मिटाकर नये तरीके से लोगों के बीच बातों को परोसा जाय। आज महात्मा गांधी के विचारों पर हमला हो रहा है और नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया जा रहा है और जिसकी देश की आजादी में भूमिका रही है उनके विचारों को मिटाने की साजिश चल रही है। इन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक परिवर्तन शिक्षा के माध्यम से ही हो सकता है लेकिन नई शिक्षा नीति में जिस तरह से शिक्षा और छात्रों के प्रति सरकार का रवैया है उससे गरीब वर्ग के बच्चे आॅनलाईन प्लेटफार्म पर पढ़ाई करने में असमर्थ होंगे क्योंकि नई शिक्षा नीति में 40 प्रतिशत कोर्स आॅनलाईन प्लेटफार्म से पढ़ाया जायेगा। नई शिक्षा नीति में उच्च स्तर के शिक्षा को काफी महंगा कर दिया गया है। साथ ही अल्पसंख्यक समाज के छात्रों के पीएचडी एजुकेशन फेलोशिप को बंद कर दिया गया है और इस पर स्मृति ईरानी सदन को गुमराह कर रही है। इन्होंने आगे कहा कि देश में 1113 सरकारी और प्राईवेट यूनिवर्सिटी और 43796 काॅलेज सरकारी और प्राईवेट कार्यरत हैं लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार लोगों को गुमराह और भ्रम के सहारे यह बता रहे हैं कि देश में बड़े पैमाने पर काॅलेज और यूनिवर्सिटी खुल रहे हैं।इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव श्री श्याम रजक, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री वृषिण पटेल, श्रीमती मधु मंजरी, प्रदेश प्रधान महासचिव श्री रणविजय साहू, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, एज्या यादव, डाॅ0 उर्मिला ठाकुर, प्रदेश महासचिव मो0 फैयाज आलम कमाल, मदन शर्मा, बल्ली यादव, भाई अरूण कुमार, डाॅ0 प्रेम कुमार गुप्ता, प्रमोद कुमार राम, निर्भय कुमार अम्बेदकर, संजय यादव, श्रीमती मुकुंद सिंह, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक कुमार गुप्ता, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अरविन्द कुमार सहनी, शिक्षक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री कुमर राय, छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री गगन कुमार सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष श्री आदित्य नारायण मिश्रा जी को बुके और शाॅल देकर सम्मानित किया।