पटना ब्यूरो : जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले में फंसे तेजस्वी जिस तरह से केंद्रीय जांच एजेंसियों को धमका रहे हैं, उससे पता चलता है कि वह जेल जाने को लेकर बुरी तरह से डरे हुए हैं. उन्हें बताना चाहिए कि अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो फिर डर किस लिए रहे हैं? वह बताएं कि क्या उन्हें देश की न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है? उन्होंने कहा कि वास्तव में तेजस्वी यह जानते हैं कि जैसे-जैसे जांच आगे बढती जायेगी वैसे-वैसे उनके भ्रष्टाचार की कलई खुलती जायेगी. जो मामले अभी तक दबे हुए हैं जांच में उनका भी खुलासा हो जाने की संभावना है. इसीलिए वह अभी से ही जांच एजेंसियों के खिलाफ बयानबाजी कर अपना दामन साफ़ दिखाने के प्रयास कर रहे हैं. उन्हें समझ लेना चाहिए कि बिहारियों से हड़पी जमीन और लूटे हुए रूपये उन्हें पचने वाले नहीं है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि जब भी तेजस्वी से बिना काम-धंधे के अरजी हुई करोड़ों की संपत्तियों के बारे में सवाल पूछे जाते हैं तो वह उस समय नाबालिग होने की दलील देते हैं. उन्हें बताना चाहिए कि यदि उस समय उन्होंने नादानी में गलती कर दी थी तो आज उन्हें उसे सुधारने से कौन रोक रहा है? यदि वह वास्तव में भ्रष्टाचारी नहीं है तो आम लोगों से हथियाई हुई जमीनों को वापस क्यों नहीं कर देते? उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी को समझना चाहिए कि जांच एजेंसियों को धमकाने से उनके भ्रष्टाचार के दाग मिटने वाले नहीं है. अगर उनकी नियत साफ़ है तो उन्हें खुद से अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक कर देना चाहिए. इसके अतिरिक्त जिन गरीबों से उन्होंने नौकरी के बदले जमीने लिखवाई हैं, उन्हें खुद आगे बढ़कर वापस लौटा देनी चाहिए. वह जान लें कि 90 का दशक बीत चुका है, उनके बेवजह के हो-हल्ला करने से कोई डरने वाला नहीं है.