नालंदा के वरिष्ठ साहित्यकार 76 वर्षीय मगही मंडल पत्रिका संपादक श्री शालीग्राम भारती के साहित्यिक योगादान के लिए रविवार को अभिनन्दन कर सम्मनित किया गया। नालंदा जिला साहित्यिक मंडली की ओर से अंगवस्त्र एवं अभिनन्दन पत्र तथा फूलमाला पहनाकर सम्मानित क्या गया।
सम्मान समारोह का आयोजन नालंदा जिला के सिलाव डीह में साहित्यकार श्री शालीग्राम भारती के आवास पर सभागार में किया गया। जिसकी अध्यक्षता गीतकार मुनेश्व शमन ने तथा संचालन रामाश्रय झा ने अपने सारगर्भित शब्दों से किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण साहित्यकार डॉ. जयराम सिंह ने किया।
साहित्यकार डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने भोजपुरी गीत “तोहरा ला हम सब कुछ लुटा देब,लेकिन तू अँखियाँ लुटा देब।बाकी तू अँखियाँ के लोर जनि माँग..।” गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
मगही कवि उमेश प्रसाद ‘उमेश’ ने समकालीन मगही कविता “सावन के स्वागत बदरिया सुनाबे झूम झूम कजरिया ना” गाकर पूरा माहौल ख़ुशनुमा हो गया।
मशहूर शायर व साहित्यकार बेनाम गिलानी ने “सुबह भी लगने लगी है शाम सी बरसात में तन बदन में भी सुलगी आग सी बरसात में” गाकर सुनाया।
कवि राकेश बिहारी शर्मा ने अपनी कविता “जीवन पथ की डगर पुराणी
सुख और दुःख इसके साथी हैं,
संघर्षरत रहे हम जीवन में
लक्ष्य हमें अब अपनी पानी हैं।” गाकर सुनाया।
नवनीत कृष्ण ने गजल आग नफरत की भड़कती ही चली जाती है, इसको हर हाल में अब हमको बुझाना होगा।” ने गया।
गीतकार मुनेश्वर शमन ने “घर में पाहुन बैरी बदरा सूना हमर अँगना, सखिया। बरजूँ बार-बार बेदरदी मानव नयँ कहना, सखिया।।” गाया।
कवि जैनेन्द्र प्रसाद ने कविता बहल जे खुनमा,सीमा पर जवान के सीना तानके। सब सपूत हिन्दुस्तान के सीना तानके” गाया।
छंदकार सुभाषचंद्र पासवान ने “गुरु देलन ज्ञान के गहनवा,सजनवा के निक लागे धनिया।
अँगिया पहनाई देलन दया धर्म के।
टीका भरोसापइली दिल के मर्म।
लोक लाज हाथ के कंगनवाँ…” गाया।
कवयित्री मुस्कान चाँदनी ने कविता
ऊपर वाले ने जब,
गहराई से सोचा होगा
अपना प्रतिरूप माँ के रूप मे
धरती पर उतारा होगा
यही सोचकर की धरती पर भी
कोई स्वर्ग बनेगा
देवी की सारी शक्तियाँ
माँ के आँचल में डाला होगा” गायी।
कार्यक्रम में कवियो ने एक ओर काव्यपाठ कर तालियां बटोरी तो वहीं पुस्तक “सपना धइले रह गेल” का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. युगेश्वर प्रसाद सिंह मौजूद रहे।
गीतकार मुनेश्वर शमन की अध्यक्षता में काव्यपाठ किया गया। काव्यपाठ के दौरान सभी आये हुए साहित्यसेवियों को फूल-माला पहनाकर सम्मानित किया गया।
साहित्यकार डॉ लक्ष्मीकांत सिंह ने नवाजे गए साहित्यकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संयोग है कि वरिष्ठ और कनिष्ठ साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है।
साहित्यानुरागी कवि राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि सम्मानित होने से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए असीम ऊर्जा मिलती है।
कार्यक्रम में सभी सम्मानित साहित्यकारों को स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर साहित्यकार बेनाम गिलानी ने साहित्यकारों के सामाजिक सरोकारों को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम में कवि जयराम देवसपुरी, जयराम सिंह, सुनील कुमार चन्द्रवंशी, दिनेश पाण्डेय, सरयू प्रसाद चंद्रवंशी, बिजय सिंह, रामाकांत पाण्डेय, विजय रजक, राजकुमार यादव, नवल सिंह सहित कई रचनाकार और साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।
नालंदा से डीएसपी सिंह।