ह्यूस्टन
कश्मीर को लेकर प्रॉपेगैंडा फैला रहे पाकिस्तान की पोल अमेरिका में भी खुल रही है। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के साझा कार्यक्रम से पहले बड़ी संख्या में सिंधी, बलोच और पख्तून समूह के प्रतिनिधि ह्यूस्टन में एकत्रित हो चुके हैं। पाकिस्तान में सेना और आईएसआई की बर्बरता को बयां करते हुए उन्होंने आजादी की मांग दोहराई है। पूरे अमेरिका से बलोच अमेरिकी, सिंधी अमेरिकी और पख्तून अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोग यहां पहुंचे हैं। ये सभी एनआरजी स्टेडियम के सामने रविवार को पोस्टर और बैनर लेकर खड़े होंगे। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।
अमेरिका में अपनी तरह के इस पहले प्रदर्शन में तीनों समुदाय के लोग एक साथ पाकिस्तान से आजादी के लिए भारत और अमेरिका के नेताओं से मदद की गुहार लगाएंगे। समूहों के सदस्यों ने शनिवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तान सरकार उनके समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन कर रही है।
अमेरिका में बलोच नैशनल मूवमेंट के प्रतिनिधि नबी बक्श बलोच ने कहा, ‘हम पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। भारत और अमेरिका को हमारी मदद करनी चाहिए है ठीक वैसे ही जैसे 1971 में भारत ने बांग्लादेश के लोगों की मदद की थी।’ उन्होंने कहा, ‘हम यहां प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप से हमारे उद्देश्यों के वास्ते समर्थन का अनुरोध करने के लिए हैं। पाकिस्तान सरकार बड़े पैमाने पर बलोच लोगों के मानवाधिकार का हनन कर रही है।’
100 से अधिक अमेरिकी सिंधी शनिवार को यहां पहुंचे। वे एनआरजी स्टेडियम के सामने एकत्र होने की योजना बना रहे हैं जहां पर रविवार को मोदी का ह्यूस्टन कार्यक्रम होना है। उन्हें उम्मीद है कि आजादी की मांग करने वाले पोस्टर-बैनर पर मोदी और ट्रंप का ध्यान जाएगा।
जिय सिंध मुताहिदा मुहाज के जफर सहितो ने कहा, ‘यह सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों-स्वतंत्र विश्व के नेताओं की ऐतिहासिक रैली है। हम सिंध के लोग पाकिस्तान से आजादी चहते हैं। जिस तरह से 1971 में भारत ने बांग्लादेश की आजादी में मदद में की, हम वैसे सिंध के लिए अलग देश चाहते हैं।
कौशलेन्द्र