पटना, १८ अक्टूबर। देश की सुप्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय १०६ठा स्थापना दिवस समारोह तथा ४३वाँ महाधिवेशन कल पूर्वाहन से आरंभ हो रहा है। यह महाधिवेशन हिन... Read more
पटना, 13अक्टूबर। आगामी 19-20 अक्टूबर को आयोजित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 106ठे स्थापना दिवस समारोह एवं दो दिवसीय 43वें महाधिवेशन की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। उद्घाटन-समारोह एवं... Read more
पटना, 9अक्टूबर। आगामी 19-20 अक्टूबर को आयोजित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 106ठे स्थापना दिवस समारोह एवं दो दिवसीय 43वें महाधिवेशन की व्यवस्थाओं के लिए स्वागत-समिति के पुनर्गठन के बाद आठ... Read more
पटना, ४ अक्टूबर। आगामी १९-२० अक्टूबर, २०२४ को, सम्मेलन प्रांगण में आहूत, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के १०६ठे स्थापना दिवस समारोह एवं दो दिवसीय ४३वें महाधिवेशन के लिए, पूर्व सांसद और वरिष्ठ... Read more
पटना, ४ अक्टूबर। आगामी १९-२० अक्टूबर, २०२४ को, सम्मेलन प्रांगण में आहूत, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के १०६ठे स्थापना दिवस समारोह एवं दो दिवसीय ४३वें महाधिवेशन के लिए, पूर्व सांसद और वरिष्ठ... Read more
पटना, २ अक्टूबर। संविधान बनने तक यदि महात्मा गाँधी जीवित रहते तो भारतीय संविधान का स्वरूप कुछ और ही रहता। संविधान-सभा की प्रथम बैठक में ‘हिन्दी’ भारत की राष्ट्रभाषा घोषित हुई होत... Read more
पटना, १ अक्टूबर। विश्व वृद्धजन दिवस पर, अभिलाषा ज्योति फ़ाउंडेशन और बिहार पेंशनर समाज के संयुक्त तत्त्वावधान में मंगलवार को, पाटलिपुत्र स्थित पेंशनर भवन में “वृद्धजन सम्मान समारोह” का आयोजन... Read more
पटना, १ अक्टूबर। विश्व वृद्धजन दिवस पर, अभिलाषा ज्योति फ़ाउंडेशन और बिहार पेंशनर समाज के संयुक्त तत्त्वावधान में मंगलवार को, पाटलिपुत्र स्थित पेंशनर भवन में “वृद्धजन सम्मान समारोह” का आयोजन... Read more
पटना, 29 सितम्बर। वरिष्ठ लेखक जियालाल आर्य की कहानियाँ मन को कुरेदती और गुदगुदाती भी है। क़िस्सा-गोई में एक विशेष स्थान बना चुके आर्य जी पाठकों पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। पढ़ना आरंभ कर चुके... Read more
पटना, २३ सितम्बर। ‘ढीली करो धनुष की डोरी/ तरकश का कस खोलो/ किसने कहा, युद्ध की वेला चली गई, शांति से बोलो? किसने कहा,और मत वेधो हृदय वह्नि के शर से/ भरो भुवन का अंग कुंकुम से, कुसुम से... Read more
पटना, २२ सितम्बर । बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ४३वाँ महाधिवेशन आगामी १९-२० अक्टूबर को, सम्मेलन के १०६ठे स्थापना दिवस समारोह के साथ आहूत होगा। दो दिवसीय इस महाधिवेशन के चिंतन का मुख्य विष... Read more
पटना, १४ सितम्बर। हिन्दी भारत की सबसे लोकप्रिय भाषा है। वह दिन दूर नहीं जब यह अपनी वैज्ञानिकता और सरसता के कारण भारत के प्रत्येक व्यक्ति की जिह्वा पर होगी। हिन्दी हमारे देश की शान और पहसचान... Read more