21 जून को सुबह 9:15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्व ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।
20 जून को लगेगा ग्रहण सूतक काल-
21 जून को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल 20 जून को सुबह 09:15 बजे सूतक काल लगेगा। यह सूतक काल 22 जून को सुबह 9 बजे तक रहेगा। प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल सूतक काल के दौरान बंद रहेंगे।
2020 के बाद 2139 में बनेगा 30 दिन में तीन ग्रहण का योग
सभी 12 राशियों पर होगा सूर्य ग्रहण का असर, सूतक के समय मंत्रों का जाप करें.
ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है सूतक, 2020 से पहले 1962 में भी हुए थे ऐसे ग्रहण
रविवार की सुबह साल का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण होगा जो भारत में दिखेगा। सूतक के समय पूजा-पाठ नहीं किए जाते हैं। इस समय में सिर्फ मंत्र जाप कर सकते हैं।ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने तक रहता है। ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा-पाठ किए जा सकेंगे।
इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण हुआ था, 21 जून को सूर्य ग्रहण है और 5 जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण होगा। 5 जून और 5 जुलाई के चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं है। क्योंकि, येमांद्य चंद्र ग्रहण हैं। इस ग्रहण में चंद्रमा के आगे सिर्फ धूल सी छा जाती है। इस तरह 30 दिन में तीन ग्रहण का दुर्लभ योग अब 119 साल बाद बनेगा। साल 2139 में 11-12 जुलाई की रात चंद्र ग्रहण, 25-26 जुलाई को सूर्य ग्रहण और इसके बाद 9-10 अगस्त की दरमियानी रात में चंद्र ग्रहण होगा। उस समय भी इन चंद्र ग्रहणों का धार्मिक महत्व नहीं रहेगा।
1962 में भी हुए थे ऐसे 3 ग्रहण
2020 से पहले शनि के मकर राशि में वक्री रहते हुए ऐसे तीन ग्रहण 1962 में हुए थे। 58 साल पहले 17 जुलाई को चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई को सूर्य ग्रहण और 15-16 अगस्त की मध्य रात्रि में चंद्र ग्रहण हुआ था। इस साल में भी चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं थी।1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ था। कुछ दिनों बाद 1 सितंबर 1962 को ईरान में भारी भूकंप आया था। 2020 में भी ऐसे ही ग्रहण हो रहे हैं। पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों मेंलगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं और आगे भी इसका खतरा बना रहेगा। ये ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ क्षेत्रों में भी दिखेगा। सभी जगह ग्रहण का समय अलग-अलग रहेगा।
ग्रहण से जुड़ी ये बातें भी ध्यान रखें
- सूतक के समय पूजा-पाठ न करें मानसिक रूप से मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आप चाहे तो अपने इष्टदेव का ध्यान भी कर सकते हैं।
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ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि, ऐसे समय में सूर्य से हानिकारक तरंगे निकलती हैं जो कि मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं।
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खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए, जिससे कि पका हुआ खाना ग्रहण के कारण अशुद्ध होने से बच जाए।
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ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिए।
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घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए।
सभी 12 राशियों पर ग्रहण का असर
मेष- राशि से तीसरे स्थान पर ग्रहण होगा। सामान्य फल देने वाला रहेगा। मेहनत के अनुसार सफलता मिल जाएगी।
वृषभ- राशि से दूसरे स्थान पर ग्रहण हो रहा है। आपको सतर्क रहना होगा।
मिथुन- इस राशि में ही ग्रहण हो रहा है। धैर्य और संयम बनाए रखना होगा। संभलकर काम करें। वरना हानि हो सकती है।
कर्क- द्वादश राशि में ग्रहण होगा। आपको खुद पर काबू रखना होगा। खर्च की अधिकता रहेगी।
सिंह- एकादश स्थान पर ग्रहण हो रहा है। अभी किसी को उधार देने से बचें। आय में बढ़ोतरी के योग बन सकते हैं।
कन्या- दशम स्थान पर ग्रहण होने से कार्य की अधिकता रहेगी। पिता की मदद से लाभ मिल सकता है।
तुला- नवम भाव में ग्रहण होगा। भाग्य में रुकावट उत्पन्न करेगा। कार्य में देरी हो सकती है।
वृश्चिक- अष्टम स्थान पर ग्रहण होने से सावधान रहने का समय है। वाहन, ऊंचाई और बिजली से सचेत रहना होगा।
धनु- सप्तम भाव में ग्रहण होने वाला है। साथियों से तनाव हो सकता है। सोच-समझकर काम करें, अन्यथा हानि के योग हैं।
मकर- षष्ठम स्थान पर ग्रहण हो रहा है। रोजगार में नुकसान हो सकता है। शत्रुओं की वृद्धि होगी।
कुंभ- आपके लिए पंचम स्थान पर ग्रहण होगा। संतान से सुख और सहयोग मिलेगा। धन लाभ मिल सकता है।
मीन- चतुर्थ स्थान पर ग्रहण होने से चिंता में वृद्धि होगी। कार्य की अधिकता रहेगी। लापरवाही से बचना होगा।
शैलेश तिवारी, वरीय संपादक की रिपोर्ट.