महामारी कोरोना के दौर के दौरान राजस्थान में वरिष्ठ बनाम युवा के बीच गतिरोध लगातार जारी है। देखा जाए तो राज्य सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि, इससे पहले मध्यप्रदेश में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई थी जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी थी और उनके साथ 20 से ज्यादा विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था व इसके परिणामस्वरूप कमलनाथ को अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ गई थी।
गौरतलब है कि इन दोनों घटनाक्रम से सालों पुरानी पार्टी के अंदर वरिष्ठ बनाम युवा के बीच की लड़ाई सामने आ गई है। वहीं, वरिष्ठ पदाधिकारियों के अनुसार उन्होंने कभी पायलट या सिंधिया को कुछ नहीं कहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी ने युवा नेताओं की पार्टी छोड़ने को लेकर कड़ी आलोचना की है और कहा है कि उनके जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि इससे नए नेताओं के लिए अवसर बनेंगे।
बता दें कि राहुल गांधी का यह बयान राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच आया है और इससे उन बातों पर एक तरह से विराम लग गया है जिनमें यह कहा जा रहा था कि पार्टी पूर्व उपमुख्यमंत्री को वापस लाने की कोशिश कर रही है। पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई की एक बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने बेशक किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनकी टिप्पणी साफतौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट को लेकर थी।
अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को देखें तो यह बात साफ नज़र आ रही है कि राहुल गांधी ने बैठक में अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य की चुनौतियां और आने वाले महीनों में विभिन्न परिदृश्यों पर चर्चा की है। बैठक के दौरान तो पूर्व पार्टी अध्यक्ष ने यह कहा है कि – ‘आप देख रहे हैं कि कुछ लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। आपको इन घटनाक्रमों से चिंतित नहीं होना चाहिए। इससे आपके लिए नए अवसर खुलेंगे।’
बताते चलें कि राहुल गांधी के इस ताजा बयान से उन संभावनाओं को झटका लगा है जिनमें कहा जा रहा था कि सचिन की पार्टी में अब भी वापसी की संभावना है। पर ऐसा होना अब मुश्किल लग रहा है। पायलट सहित 18 बागी विधायकों ने स्पीकर के नोटिस के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय का रुख किया है। हालांकि पायलट ने 16 जुलाई, 2020 को वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम से बात की है।
प्रिया की रिपोर्ट.