सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट /कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मरीजों को आइसोलेट करने के लिए एक बार फिर ट्रेनों के कोच में इतंजाम किये जा रहे हैं। वाराणसी में सबसे पहले आइसोलेशन कोच की जरूरत महसूस की गई है। रेलवे की ओर से तैयार आइसोलेशन कोच के दो रैक वाराणसी मंगा लिये गये हैं। फिर से झाड़-पोछकर उसे सही किया जा रहा है। जंघई और लखनऊ से दो रैक वापस मंगाये गये हैं।पिछले साल रेलवे ने आइसोलेशन कोच तैयार किये थे, ताकि संदिग्ध मरीजों को इसमें भर्ती किया जा सके। जनरल कोच को ही कोचिंग डिपो में इस तरह से बदलाव किया गया है, जिसमें कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया जा सके। साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों के रुकने, दवाइयां रखने, आक्सीजन सिलेंडर रखने की व्यवस्था भी है।पिछले साल स्टेशन के नये वाशिंग लाइन के पास रैक को रखा गया था। हालांकि इसका उपयोग नहीं हो सका था। इसके बाद फिर से यहां से कोच रवाना कर दिये गये थे। अब उन्हें वापस मंगा लिया गया है। जिला प्रशासन की ओर से मांग किये जाने पर इसे यहां के स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा। ये सभी पूर्व की तरह नये वाशिंग लाइन में ही रहेंगे, जहां लोगों का आना-जाना नहीं होता है।पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के मंडुवाडीह पर भी एक रैक रखा हुआ है। पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि अगर आदेश मिलता है तो रैक को सही कराकर रखवाया जाएगा। अभी तक मंडल को कोई आदेश-निर्देश जारी नहीं हुआ है।