सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट वाराणसी डेस्क/ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत और जमीयत उलमा ए बनारस के पदाधिकारियों के बीच हुई भेंट वार्ता.गंगा जमुनी संस्कृति की रक्षा हेतु सभी धर्म एवं संप्रदाय के लोगों को एकजुट करने का आवाह्न.कल दिनाक 18 जून 2021 दिन शुक्रवार सायं 5 बजे हाजी अब्दुल मालिक साहब संरक्षक जमीयत उलमा ए बनारस के आवास पर एवं उन्हीं के संरक्षण में एक अनौपचारिक भेंट वार्ता आयोजित की गई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आदरणीय डाक्टर कुलपति तिवारी जी का आगमन हुआ।जमीयत उलमा ए बनारस के संरक्षक जनाब हाजी अब्दुल मालिक साहब ने अंगवस्त्र भेंट कर महंत जी का पारंपरिक रूप से स्वागत किया। महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी जी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। आपने अपने संबोधन में इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि आज ज़रूरत इस बात की है कि हम गंगा जमुनी संस्कृति जो कि काशी नगरी की विशेष पहचान है उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। हमें ऐसे लोगों से समाज को बचाना पड़ेगा और उनका सामाजिक बहिष्कार भी करना होगा जो हमारी इस साझा विरासत गंगा जमुनी संस्कृति के लिए खतरा हैं, चाहे वो किसी भी संप्रदाय के हों। महंत जी इस कार्यक्रम से काफी प्रसन्न हुए और इस बात पर ज़ोर दिया की इस प्रकार की भेंट वार्ता समय समय पर आयोजित होती रहनी चाहिए, इस प्रकार के कार्यक्रम के लिए मैं सदैव तैयार हूं। जमीयत उलमा पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी हाफिज़ ओबैदुल्लाह साहब ने कहा कि जमीयत उलमा ए हिंद के केंद्रीय नेतृत्व मौलाना महमूद मदनी साहब की तरफ से जमीयत की सभी यूनिटों को निर्देशित किया गया है की हर ज़िले में जमीयत सद्भावना समिति के नाम से एक समिति का गठन किया जाए और उसमे सभी धर्म एवं संप्रदाय का प्रतिनिधित्व हो। वर्तमान लॉक डाउन की परिस्थिति की वजह से इस पर कार्य नही हो पाया था, परंतु हम आश्वस्त हैं कि जिस प्रकार आज हमे आदरणीय महंत जी का सहयोग मिला हम बहुत जल्द इस समिति का गठन करने में सफल होंगे। जमीयत उलमा ए बनारस के महासचिव मौलाना अहमद शकील साहब ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। कार्यक्रम में जमीयत उलमा ए बनारस के अध्यक्ष हाजी अबुल हाशिम साहब, अल हनीफ एजुकेशनल सोसायटी के निर्देशक एवं संरक्षक जमीयत उलमा ज़िला चंदौली हाजी वसीम अहमद साहब, जमीयत उलमा ए बनारस के पदाधिकारीगण, कार्यकर्ता एवं अन्य सामाजिक व्यक्ति सम्मिलित हुए।