कौशलेन्द्र पाराशर पटना से /आचार्य दीपांकर के बयान को कोड करते हुए बोले शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर -90गरीब -फीसदी वंचितों के लिए खड़ा हूँ.आचार्य दीपांकर ने जी न्यूज पर दिनांक 12.01.2023 को 11 बजे कहा कि षडयंत्र के तहत उत्तर काण्ड के 18 वीं सदी में इसे जोड़ा गया है।अगर आचार्य दीपांकर आदि का कथन सही है तो मैं तो यही कह रहा हूँ कि राम चरित्र मानस के दो दोहा, चौपाई, छंद कचरा है जिन्हें बाद में जोड़ा गया है।इन षडयंत्र से डाले गए छंदों के संदर्भ में बात कही गयी है ।जाति व्यवस्था से कुंठित होकर ही भगवान राम शबरी के बैर खाए होंगे। भगवान राम शबरी के यहाँ खा सकते हैं। भगवान कृष्ण सुपन डोम के यहाँ खा सकते हैं अगर आज भी इस युग में ऐसे विचार चल रहे हैं कि शबरी का बेटा बिहार का मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहते हुए मधुबनी के दुर्गा मंदिर में पुजा करने गए । पाखंडियों ने पुजा उपरान्त मंदिर को गंगा जल से धुलवाया न सिर्फ तत्कालीन मुख्यमंत्री बल्कि देश के प्रथम नागरिक तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम राम नाथ कोविन्द साहब सपत्नीक जगन्नाथपुरी मंदिर दर्शन को गए तो ऐसे ही दकियानुसी कट्टर पंथियों ने उन्हें मंदिर नहीं जाने दिया ।ऐसे ही विचार के लोगों ने मेरे द्वारा इंसानियत के मुद्दे पर एक बड़े तबके नारी एवं वंचित को अलाभान्वित करने की बात कही गई तो एक धर्माचार्य ने मेरी जिह्वा कटवा देने का फतवा जारी किया है ।क्या यह देश इस तरह के नफरतवादी अवधारणाओं से आगे बढ़ेगा या मोहब्बत से ?यह देश सबको शिक्षित कर आगे बढ़ेगा या मुर्खतापूर्ण कार्य से ? यहाँ तो आर०एस०एस० प्रमुख मोहन भागवत जी नागपुर से फतवा जारी किए हैं कि शिक्षा से अहंकार बढ़ता है ।मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम सम्पूर्ण मानव समाज के लिए अनुकरणीय एवं वंदनीय हैं। दुर्भाग्य है कि देश के कारपोरेट घराने से प्रभावित मिडिया चैनल मुझे राम एवं रामायण विरोधी साबित करने का दुष्प्रचार कर रही है ।