कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /बीजेपी एक सोची समझी राजनीतिक साज़िश के तहत कार्य कर रही है। सब जानते है यह साज़िश एक- डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू हुई । कभी माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की अफ़वाह फैलाई जा रही थी, कभी राज्यपाल बनाने की, कभी केंद्रीय मंत्री बनाने खबरें बनाई जा रही थी। जैसे माननीय मुख्यमंत्री ने भी कई बार बताया इन्हीं लोगों द्वारा कभी जदयू को तोड़ने की साज़िश रची जा रही थी। यह सब बीजेपी, भाजपा समर्थित मीडिया और बीजेपी माइंडेड लोग कर रहे थे।अब जब से बिहार में महागठबंधन बना है और महागठबंधन सरकार ने अपने एजेंडे के तहत नौकरियाँ देने की और जातिगत जनगणना कराने का कार्य शुरू किया है वही लोग फिर साज़िशें कर रहे है। मुख्यमंत्री जी और हम सब इन सभी बातों को समझते है और उन लोगों को पहचानते है।बिहार में महागठबंधन के शीर्ष नेता हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी है। सब जानते है जनता किसके साथ है। बिहार की जनता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ है ना की बयानवीर चर्चित नेताओं के पास।हम सबों को सभी जाति-धर्मों और ग्रंथों का सम्मान करना चाहिए। ग्रंथों और धर्म की उसकी बजाय वास्तविक मुद्दों पर बहस होनी चाहिए।धर्म को राजनीति से दूर रखना चाहिए तभी हम जनता के असल मुद्दों पर बात कर पायेंगे। मंदिर -मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम ये सब बीजेपी और बीजेपी समर्थित मीडिया के पसंदीदा मुद्दे है। Debate और Discussion रोजी-रोटी, शिक्षा-चिकित्सा, विकास और जनकल्याण पर होनी चाहिए ना कि धर्म और ग्रंथ पर।महागठबंधन सरकार आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बहुत ही अच्छे तरीक़े से मजबूती से कार्य कर रही है। बिहार में बीजेपी के नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे।