जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे की वजह बुरी सेहत बताई है। वे जापान के एक बड़े प्रभावशाली सियासी परिवार से ताल्लुक रखते थे। शिंजो सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे। उनकी खास बात यह रही कि भारतीय नेताओं की तरह आत्मश्लाघ नहीं थे। उन्होंने सबसे पहले अपनी असफलता का ज़िक्र किया और कोरोना से उपजे आर्थिक संकट का समाधान नहीं निकाल पाने के लिए जापान की जनता से माफी मांगी। विदेश नीति में हालिया चूक के लिए भी अपने को दोषी मानते हुए उसके लिए खेद प्रकट किया।। वे 2015में भारत आये थे और बनारस में गंगा आरती में शामिल भी हुए थे। मेरी राय में वे भारत ज़रूर आये, लेकिन भारत के नेताओं से सियासत के कुछ टिप्स नहीं लिए। अन्यथा, वे इस्तीफा नहीं देते। क्योंकि, यहां के नेता अपने पद पर जान न्योछावर कर देंगे, लेकिन पद, वो तो नहीं छोड़ेंगे। आप देख लें, कोरोना संक्रमण मामले में दुनिया में जापान का कौन सा स्थान रहा है, फिर भी जनता से माफी मांगी।भारत में आज 77 हज़ार से ज़्यादा करोना के मामले आये। अब भारत कोरोना मामले में विश्वगुरु बनाने वाला है। लेकिन, क्या किसी मंत्री- विधायक-सांसद के चेहरे पर शिकन आपने देखी? वाह रे भारत की सियासत,,!
सतीश मिश्रा, प्रधान संपादक