जितेन्द्र कुमार सिन्हा, (लखीसराय), 03 फरवरी ::शिक्षक कभी अवकाश ग्रहण नहीं करते हैं, उसका अध्ययन और अध्यापन कार्य चाहे किसी शिक्षण संस्थान या फिर घर,परिवार, समाज जहाँ भी रहे चलता रहता है। खास कर प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को उस के छात्र चाहे जिस भी बड़े पद पर क्यों न हो, जीवन भर भूलते नहीं हैं, अपने स्कूल के शिक्षकों के स्मृतियों को जीवन भर याद कर ,एक दूसरे को सुनाते भी रहते हैं।यह बातें अबगिल (लखीसराय) निवासी व प्राथमिक विद्यालय की सेवानिवृत शिक्षिका मीना कुमारी के विदाई सह सम्मान समारोह में शामिल, प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी परिणिता कुमारी, कार्यक्रम के संयोजक सह प्राथमिक विद्यालय, मेदनी चौकी के प्रधानाध्यापक गणेश कुमार आदि ने अपनेअपने सम्बोधन में कहा है।कार्यक्रम में शामिल प्राथमिक कन्या मध्य विद्यालय, सूर्यगढ़ा के प्रधान मनोज कुमार, खाबाचंद्र टोला के प्रधान अजय कुमार,एमडीएम के सहायक पंकज के साथ स्कूल के सहयोगी शिक्षक पूनम प्रीति, सोनामती कुमारी, मंजुला सिन्हा, रंजू कुमारी, कुमकुम कुमारी, क्रांति देवी, संगीता देवी समेत स्कूल के छात्र-छात्राओं आदि शिक्षाविदों ने सेवानिवृत शिक्षिका मीना कुमारी के स्कूल में उसके दैनिक कार्यों और व्यवहार को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि इनकी जितनी भी तारीफ कि जाय कम है। सहयोगी शिक्षक ही नहीं छात्र-छात्राएँ भी इनके स्नेह, प्यार, कुशल व्यवहार और आदर्श के साथ स्कूल में किए गए इनके योगदान को भुला नहीं सकते। इस के लिए इनके माता-पिता के प्रति हम सभी आभार व्यक्त करते हैं, जिहोने अपनी पुत्री को इस तरह का संस्कार दिया है।मीना कुमारी अपने सेवानिवृत शिक्षक पति दामोदर प्रसाद के साथ एक अच्छे अभिभावक के रूप में अपने दोनों बेटों को अच्छे परवरिश और संस्कार देने में भी कोई कमी नहीं रखे। छोटा बेटा विवेक कुमार, जो फिलहाल स्टेट बैंक, नई दिल्ली में शाखा प्रबन्धक है। दुःख इस बात है कि इनका करीब 38 वर्षीय बड़ा बेटा विनय कुमार जो एलआईसी में कार्यरत था पिछले कारोना लहर में मौत हो गयी है। इनके दो छोटे -छोटे बच्चे भी हैं। अपने वेहद पीड़ा से पीड़ित होने के वाबजूद अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित शिक्षिका मीना कुमारी ने ,स्कूल परिवार के साथ मिल कर स्नेह,प्यार बांटती रही है, इसको हम सभी भूला नहीं सकते हैं।