कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट ; कल 23 जून को पटना में होने वाली गैर भाजपा दलों की बैठक से भाजपा की बौखलाहट काफी बढ़ गई है। स्थिति यह हो गई है कि बैठक के पहले हीं भाजपा नेताओं का “सियार महाक्रन्दन” शुरू हो गया है। और उनके बीच इस बात की जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है कि बैठक के सम्बन्ध में कौन कितना ज्यादा घटिया और अमर्यादित भाषा में टिप्पणी करता है। यही प्रतिस्पर्धा भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं के बीच भी है। रही-सही कसर को पुरा करने के लिए आईटी और ईडी को भी आज उतार हीं दिया गया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी भाजपा नेता आज जनता से जुड़े मुद्दों पर बोलने को तैयार नहीं है। चूंकि मुद्दों पर बोलने के काबिल वे हैं भी नहीं। मणिपुर जहां भाजपा की सरकार है लगभग दो महीने से अशांत है। हजारों लोग जंगल में शरण लिए हुए हैं। सौ से ज्यादा लोग मारे गए हैं। आगजनी की घटना लगातार जारी है। केन्द्रीय मंत्री के घर को जला दिया गया। केन्द्रीय गृह मंत्री के जाने के बाद स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ गई है।इस पर भाजपा नेताओं की जुबान नहीं खुल रही है और विपक्षी नेता जब देश, संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं तो इनके नेताओं के बीच अनर्गल बयानबाजी का आपा-धापी मचा हुआ है।राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार हमेशा से देश को नई दिशा देने का काम करती रही है और एकबार फिर बिहार की धरती से बदलाव की हवा जो चलने जा रही है वह एक नया सबेरा लेकर आएगा और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा मुक्त भारत की परिकल्पना साकार होकर रहेगा।