जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 16 अक्टूबर ::जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के टुटपुंजिया वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, अरवल जिले के सामाजिक कार्यकर्ता अमिताभ कुमार ने कहा है कि जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार को टुटपुंजिया कहने से पहले ललन सिंह को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए और उन्हें इतिहास से जानकारी लेनी चाहिए।उन्होंने कहा कि उन्हें यह पता होना चाहिए कि आज के समय के उनके दोनों प्रमुख नेता लालू जी और नीतीश जी जब 1990 के दशक में संयुक्त रूप से विरोध कर रहे थे, फिर भी राज्य का सबसे बड़ा क्षेत्र मगध स्नातक क्षेत्र से अरुण कुमार निर्दलीय सदस्य बिहार विधान परिषद चुने गए थे, उन्हें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि संसदीय जीवन के दहलीज पर पहुंचने से एक दशक पहले डॉक्टर अरुण कुमार संसदीय जीवन में आ गए थे, बाद में नीतीश जी का लालू जी से मतभेद होने पर अपनी पुरानी निजी मतभेदों को भूलकर राज्यहित में एक सदस्य बिहार विधान परिषद के रूप में नीतीश जी के साथ बिहार का दौरा किया था और उन्हें मजबूती प्रदान करने का कार्य किया था।अरवल जिला के सामाजिक कार्यकर्ता अमिताभ कुमार ने यह भी कहा कि उन्हें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि संसदीय जीवन की दहलीज पर पहली बार वे पिछला दरवाजा से पहुंचे थे और उन्हें राजनीतिक पहचान मिली थी, जबकि डॉक्टर अरुण कुमार हमेशा चुनावी राजनीति के माध्यम से राज्य एवं देश के सर्वोच्च सदन के सदस्य बने, परंतु अपने अहंकार के बस में वे इतिहास को भूल जाते हैं और अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं।उन्होंने कहा कि जानकारी मिल रही है कि नवरात्र के अवसर पर मां विंध्यवासिनी दरबार में माता रानी ने भी उनके अहंकार को सार्वजनिक रूप से तोड़ने का कार्य किया यही सनातन विश्वास है। यहां देर – सवेर सभी को अपने कर्मों का लेखा जोखा भुगतना है।