CIN -गुरुग्राम ।: सरस आजीविका मेला 2023 में आज स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप के दौरान डिज़ाइन की बारिकियाँ निफ्ट के असिंस्टेंट प्रोफेसर शक्ति सागर कटरे ने समझाई। इस दौरान उन्होंने यहां उपस्थित महिलाओं को दुनिया के नामचीन कंपनियों का उदाहरण देकर प्रोडक्ट की बांडिंग, पैकेजिंग, लोगो, स्थान स्थिति परिस्थिति के साथ अपने प्रोडक्ट बेचने के गूढ बातें बताई। साथ ही एनआईआरडीपीआर की असिंस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रुचिरा भट्टाचार्य ने कहा कि इस वर्कशॉप का स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को दूरगामी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी वर्कशॉप वक़्त की माँग है। इससे महिलाओं के प्रोडक्ट देश विदेश की मार्केट में अपनी पहचान बना सकेंगे। एनआईआरडीपीआर के असिस्टेंट डायरेक्टर सीएल कटारिया ने बताया कि वैसे तो मेले में सभी स्टॉलों पर लागों की बिक्री अच्छी हो रही है लेकिन कुछ स्टॉलों पर लाखों की बिक्री हो रही है इसका कारण कहीं न कहीं ब्रांडिग, पैकेजिंग और लोगों को सही तरीके से समझाने पर निर्भर करता है। वर्कशॉप में इन महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। गुरुग्राम सरस आजीविका में इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान द्वारा किया गया।
ज्ञात हो कि उत्पादों से जुड़े अलग-2 विषयों पर मेले में भाग लेने वाली 800 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए कार्यशाला आयोजित की जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर पैकेजिंग, ब्रेंडिंग, बिजनेस प्रपोजल तैयार करने, सोशल मीडिया प्लैटफार्म का उत्पादों की मार्किटिंग में उपयोग करने, वित्तीय प्रबंधन से लेकर कई अन्य विषयों के बारे मे प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा महिलाओं को सीधे बाज़ार से जोड़ने हेतु बी-टू-बी व बी-टू-सी बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं।
इसके साथ ही मेले में महाराष्ट्र के कुल 17 स्टॉल लगाए गए हैं जिसमें हेंडीक्राफ्ट और हेंडलूम के 10, फूड से जुड़े आइटम के 5 और पूडकोर्ट में लाइव फूड के 2 स्टॉल लगाए गए हैं। इसकी जानकारी महाराष्ट्र की स्टेट कोआर्डिनेटर स्वाति तुपसुंदरी ने दी। वहीं, महाराष्ट्र से आई हुई संजीविनी एसएचजी की ज्योति तागड़े ने बताया कि हमारे स्टॉल नंबर 91 पर पुरुषों के लिए पांच सौ से लेकर पंद्रह सौ रुपये तक के शर्ट हैं, जिसे यहां के लोग काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र के जलगांव जिला से आई हुईं नजमा बाई पिंजारी ने बनाना चिप्स के अपने स्टॉल नंबर 346 अपनी बेटी के साथ मिलकर अपनी आजीविका के लिए महाराष्ट्र से यहां तक अपनी साठ साल की उपर में मजबूरियों को पीछा करते हुए यहां तक पहुंची हैं।साथ ही सरस मेले में नियमित रूप से संध्या पांच बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। इस सांस्कृतिक संध्या में नियमित रूप से हरेक राज्यों के लोक नृत्य व संगीत की प्रस्तुति की जाती है। सांस्कृति कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए रुचि ने बताया कि शाम को जब मेला घूमने के बाद थक जाते हैं तो फूड कोर्ट में खाने के बाद सांस्कृतिक संध्या का आनंद लेने अपने परिवार के साथ आते हैं।ज्ञात हो कि राजधानी से सटे गुरुग्राम में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला का आयोजन किया जा रहा है। 26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक आयोजित होने वाला मेला भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शा रहा है। पहले दिन ही इस मेले का आकर्षण लोगों को अपनी तरफ खींच लाया। यहां हर आयु वर्ग के लोग मेला देखने व खरीदारी करने में आ रहे हैं।गुरुग्राम के सेक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में लगे इस मेले में देश के 28 राज्यों के 400 से अधिक स्टॉलों पर लोग खरीदारी के लिए आ रहे हैं। मेले की विविधता लोगों को आकर्षित कर रही है। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं की विशेष उपस्थिति वाला यह मेला महिला सशक्तिकरण की एक बेहतरीन मिसाल है जहां न केवल वह अपना उत्पाद लेकर आई हैं बल्कि वह भारत की विविधता और अनेकता में एकता का संदेश भी दे रही हैं। आयोजकों के लिए यह मेला निःशुल्क है। सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक चलने वाले इस मेले में लोगों की खासी दिलचस्पी है। दूसरी बार यह मेला गुरुग्राम में लग रहा है और लोग इसको लेकर उत्साहित हैं।इस मेला में 28 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की 800 दीदी अपनी कला एवं संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों की स्टॉल लगाई हैं।