जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 27 जनवरी ::75 वां गणतंत्रता दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को पटना के नागेश्वर कॉलोनी में रॉयल गार्डेन अपार्टमेंट स्थित जीकेसी ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) के केन्द्रीय कार्यालय के प्रांगण में झंडोतोलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने झंडोत्तोलन करने के बाद पदाधिकारियों और सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि 1947 के पहले ही कायस्थ कुल सुभाष बाबू की अगुवाई में आजाद हिन्द फौज की सरकार बन चुकी थी। सुभाष चंद्र बोस उसके राष्ट्राध्यक्ष थे। कई देशों से उस सरकार को मान्यता भी मिल गई थी। इस लिहाज से आजाद भारत के पहले राष्ट्राध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस ही थे। उक्त जानकारी पटना जिला महासचिव धनंजय प्रसाद ने दी।उन्होंने बताया कि उक्त अवसर पर प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि हमें भूलना नहीं चाहिए कि आज हम आजाद देश में रह रहे हैं और आजादी से सांसे ले रहे हैं तो इसके पीछे वलिदानों की लंबी श्रृंखला है। उन वलिदानों में से बहुतों के बारे में तो हमें पता भी नहीं है। क्योंकि इतिहास में वो सही तरीके से दर्ज भी नहीं किये गए। इसलिए जरूरी यह है कि उनका इतिहास फिर से लिखा जाए।रागिनी रंजन ने आगे कहा कि कहा कि 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिल गया था. हालांकि, लगभग तीन साल बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान को अपनाने के साथ भारत ने खुद को एक संप्रभुत्व, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित किया। इसी दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।धनंजय प्रसाद ने बताया कि उक्त अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन ही भारत का अपना संविधान लागू लागू हुआ था और 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था।झंडोतोलन कार्यक्रम में अनिल कुमार दास, धनंजय प्रसाद, संजय कुमार सिन्हा, रचना कुमारी,आलोक वर्मा, डॉ हर्षवर्द्धन,आशुतोष ब्रजेश, नम्रता आनंद, दिलीप कुमार सिन्हा सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।