पटना: तेजस्वी यादव के ट्वीट पर पलटवार करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि जिस राजद ने अपने कुशासन से बिहार की धज्जियां उड़ा दी थी, आज उसी के युवराज का विकास पर ज्ञान देना हास्यास्पद है. यह दिखाता है कि नीतीश सरकार के कामों से भयभीत होकर अब जात-पात और भ्रष्टाचार की राजनीति करने वालों को भी विकास की बातें करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.उन्होंने लिखा कि गाँव, जिला, क्षेत्र और प्रदेश के विकास लिए तड़प रहे तेजस्वी जी का दुर्भाग्य है कि उन्हें सूबे का विकास नहीं दिखता. वास्तव में उन्हें विकास की अलग परिभाषा बतायी गयी है. उनकी निगाह में विकास का मतलब जनता की समृद्धि बढना नहीं बल्कि लालू परिवार की संपत्ति में निरंतर बढ़ोतरी होना है. उनके लिए खुशहाली का मतलब वर्तमान समय का भयमुक्त वातावरण नहीं बल्कि बाहुबलियों, रंगदारों और अपराधियों का वर्चस्व कायम रखना है. उनके लिए विकास का मतलब लोगों को मिल रही सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाएं नहीं बल्कि घोटाला और भ्रष्टाचार है. हकीकत में यह फिर से बिहार को लालटेन युग में ले जाना चाहते हैं,. लेकिन जनता इनका यह सपना कभी पूरा नहीं होने देगी.तेजस्वी को चुनौती देते हुए जदयू प्रवक्ता ने अगले ट्वीट में लिखा कि कहा कि तेजस्वी यदि नीतीश सरकार में बिहार के हुए कायाकल्प को विकास नहीं मानते तो उन्हें लालू-राबड़ी राज में हुए कामों से तुलना कर के इसे साबित करना चाहिए. हकीकत यही है कि वह राजद काल में हुए विकास के पांच काम भी नहीं गिना सकते. बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है कि राजद काल में लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पाती थी. नौकरी न मिलने के कारण लोग पलायन करने पर मजबूर हो चुके थे. प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी. यहां तक कि यहां होने वाले अपराधों पर फ़िल्में तक बनने लगी थी.जदयू प्रवक्ता ने लिखा कि हकीकत में तेजस्वी जी यदि एक बार ईमानदारी से अपने 15 वर्षों के शासनकाल के बारे में जानकारी ले लें तो उन्हें पता चल जाएगा कि विकास और विनाश में क्या अंतर है. गांवों, जिलों और प्रदेश में आया बदलाव भी उन्हें पता चल जाएगा. वह समझ जायेंगे कि राजद के राज में जितने कुकर्म हुए हैं उसने राजद को विकास पर बोलने लायक तक नहीं छोड़ा है.