Kaushlendra Pandey /राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार की अदूरदर्शिता का नतीजा ही है कि 2019 से स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य चल रहा है और मार्च, 2025 तक सभी उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने को कहा गया है। बिहार सरकार की यह सोची समझी चाल थी तभी सरकार ने बिहार राज्य बिजली बोर्ड को विखंडन किया था क्योंकि इनको मार्केट ड्राईवेन पाॅलीसी से जोड़ा जाए और प्राईवेट कम्पनियों को फायदा पहुंचाया जाये। जबरन अधिकारी स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं। ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इन कंपनियों ने भारी रकम सरकार को और नौकरशाह को दिया है, जिसमें अडानी एनर्जी सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी भी शामिल है, जिसके तहत 58 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का एग्रीमेंट नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड से किया है। अब जो पुराने मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर से बढ़ा हुआ बिल उपभोक्ताओं के पास आ रहा है, इन कंपनियों ने जो रिश्वत सरकार और प्रशासन को दी है, इसके माध्यम से उपभोक्ताओं से वसूली कर रही है और राज्य सरकार उनकी सहायता कर रही है। पर अब तो हालात यह है कि गरीब परिवार के घरों की बिजली काटी जा रही है और अब तो पूरे गांव की ही बिजली काटी जा रही है। जब हम जाति गणना की रिपोर्ट देखें तो पाते हैं कि लगभग 35 प्रतिशत परिवार 6000 रूपये से कम में गुजारा कर रहे हैं और लगभग 30 प्रतिशत परिवार 10000 रूपये से कम में गुजारा कर रहे हैं। यह एक भयावह तस्वीर हमारे सामने प्रस्तुत करता है। वहीं दूसरी तरफ 2022 का रिसर्च गेट के माध्यम से यह पता चल रहा है कि लगभग 70 प्रतिशत ग्रामीण जनता के पास स्मार्ट फोन नहीं है। इसका मतलब है कि स्मार्ट मीटर इन सभी के लिए एक अभिशाप साबित हो रहा है। बिहार में लगभग 2.76 करोड़ हाउस होल्ड है। स्मार्ट मीटर के खराबी के कारण अगर इन सभी उपभोक्ताओं से 100 रूपये भी ज्यादा वसूला जाता है तब यह संख्या लगभग 276 करोड़ प्रत्येक महीने कम्पनी के पास अलग से मुनाफा होगा। सिर्फ बिहार ही नहीं अपितु अन्य राज्यों में भी स्मार्ट मीटर लाया गया है, क्योंकि उपभोक्ताओं को सहूलियत होगी। परंतु यह तो आफत बन गई है और शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। जब हम स्मार्ट मीटर को पूरे भारत में 11636952 (एक करोड़ सोलह लाख छतीस हजार नौ सौ बावन) लगाये गये हैं वहीं सबसे गरीब प्रदेश बिहार में सर्वाधिक 3235830 (बत्तीस लाख पैंतीस हजार आठ सौ तीस) स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। जबकि केरल सरकार ने इस योजना से अपने आप को अलग कर लिया है,क्योंकि केरल सरकार का मत है कि केंद्र सरकार ने बिना सोचे समझे सिर्फ अपनी कल्पनाओं के अनुसार ही माना कि हम उपभोक्ताओं की सभी समस्याओं का निवारण कर देंगे। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने शिकायतों के बाद फिलहाल स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगा दी है। वहीं गुजरात में भी इसका विरोध होने लगा तब वहां राज्य सरकार द्वारा संचालित गुजरात ऊर्जा विकास निगम ने कहा कि जबरदस्ती स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाएगा।बिहार में स्मार्ट मीटर लागू करने से लेकर अभी तक किसी भी स्टेक होल्डर से राय मशविरा नहीं किया गया है, क्योंकि सरकार भी मुनाफे की लाभार्थी है। राष्ट्रीय जनता दल यह मांग करता है कि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तुरन्त रोका जाए और जनता के मुसीबतों को समझकर थर्ड पार्टी रिव्यू कमिटी गठन किया जाए ताकि स्मार्ट मीटर की प्रासंगिकता और इसकी खामियों को समझा जा सके। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में अगर मुख्यमंत्री ही कम्पनी से मिल जाए तो जनता का त्राहिमाम करना स्वभाविक है। हमारा फर्ज बनता है कि जनता के कठिनाईयों को लेकर सड़क से सदन तक इसका विरोध करें और संघर्ष करके स्मार्ट मीटर की खामियों और पुराने मीटर की तुलनात्मक अध्ययन कर जनता को राहत दिया जा सके।
राज्य सरकार के द्वारा पूरे बिहार में जिस तरह से स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट मचाया जा रहे है उसके खिलाफ पूरे राज्यभर के प्रखंड मुख्यालयों पर 01 अक्टूबर, 2024 को आन्दोलन किया जायेगा। साथ ही नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने जो 200 युनिट बिजली मुफ्त देने का संकल्प को पूरा किया जायेगा।
विभिन्न राज्यों में नेशनल स्मार्ट ग्रीड मिशन के द्वारा दिये गये आंकड़ों से भी इसे समझा जा सकता है कि किस तरह से बिहार में स्मार्ट मीटर के नाम पर हड़बड़ी दिखाई जा रही है।इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय महासचिव श्री बिनु यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार सिंह, प्रदेश प्रधान महासचिव श्री रणविजय साहू, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता एजाज अहमद, चितरंजन गगन, मृत्युंजय तिवारी, अरूण कुमार यादव, प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार राम, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता उपेन्द्र चन्द्रवंशी सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।