पटना, 13अक्टूबर। आगामी 19-20 अक्टूबर को आयोजित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 106ठे स्थापना दिवस समारोह एवं दो दिवसीय 43वें महाधिवेशन की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। उद्घाटन-समारोह एवं समापन-समारोह के अतिथियों के साथ ही विभिन्न वैचारिक-सत्रों के अध्यक्षों और वक्ताओं की सूची भी तैयार हो चुकी है। समारोह का उद्घाटन 19 अक्टूबर को पूर्वाहन 11-30 बजे, झारखण्ड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और महानदी जल-विवाद प्राधिकरण के सदस्य न्यायमूर्ति श्री रवि रंजन तथा केंद्रीय मंत्री जीतन राम माँझी दीप-प्रज्वलित कर करेंगे।यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग तथा माहात्मा गांधी द्वारा स्थापित संस्था राष्ट्राभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अध्यक्ष प्रो सूर्य प्रसाद दीक्षित, वृंदावन के सुप्रसिद्ध विद्वान डा गोपाल चतुर्वेदी, कुँवर वीर सिंह मार्तण्ड(कोलकाता), मेरठ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रवीन्द्र कुमार, डा जसबीर चावला (चंडीगढ़), आचार्य विजय रंजन (अयोध्या), प्रो महेन्द्र मधुकर, डा वंदना वाजपेयी (दिल्ली), अमरेन्द्र नारायण (जबलपुर) आदि विद्वान विभिन्न सत्रों में अपना व्याख्यान देंगे। 19 अक्टूबर की संध्या में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी संपन्न होगा। अगले दिन भोजन के अवकाश के पश्चात एक विराट राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता गीत के अंतर्रष्ट्रीय ख्याति के कवि पं बुद्धिनाथ मिश्र करेंगे।
समापन समारोह का उद्घाटन बिहार विधान सभा के अध्यक्ष डा नन्द किशोर यादव करेंगे। मुख्य अतिथि होंगे बिहार के पुलिस महानिदेशक आलोक राज। समापन समारोह में हिन्दी की मूल्यवान सेवा करने वाले विद्वानों और विदुषियों को विविध अलंकरणों से सम्मानित किया जाएगा। समारोह के पहले दिन उद्घाटन के पूर्व सम्मेलन की शीर्ष समिति ‘स्थायी समिति’ की बैठक भी संपन्न होगी। व्यवस्था संबंधी सभी उपसमितियों का भी गठन किया जा चुका है, जो दूसरे प्रांतों से आ रहे अतिथियों के आवासन और यातायात सहित दोनों दिन सभी अतिथियों,प्रतिनिधियों और भाग लेने वाले सभी सदस्यों के लिए भोजन-जलपान,चाय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगी। विद्यार्थियों और युवाओं को प्रतिभागिता हेतु विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।