बिहार चुनाव के नतीजों का 12 नवंबर, 2020 को महागठबंधन ने मंथन किया। वहीं, पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बैठक में राजद नेता तेजस्वी यादव को नेता चुना गया और इसके बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि – ‘हम चुनाव हारे नहीं हैं, बल्कि हमें जीत मिली है। जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में आया है। चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में आया है। यह लोग छल कपट के जरिए सरकार का गठन कर रहे हैं।’
वहीं, नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि – ‘2015 में भी हमारे पक्ष में फैसला आया था, लेकिन भाजपा चोर दरवाजे से सरकार में आ गई थी। इस चुनाव में हमने गरीबी, भूखमरी, रोजगार, नौकरी का मुद्दा उठाया।’ उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सत्ता हथियाना चाहते हैं।
राजद नेता तेजस्वी ने साफ शब्दों में कहा कि – मेरी सीट पर तीन बजे तक मतगणना प्रक्रिया पूरी हो गई थी, लेकिन नतीजों का सर्टिफिकेट आधी रात को दिया गया। उन्होंने कहा, काउंटिंग से एक दिन पहले रात में एक गाड़ी निकली। इस गाड़ी में बैलेट पेपर ले जाया जा रहा था, जबकि चुनाव आयोग का नियम है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होती है, लेकिन इस बार पोस्टल बैलेट की गिनती को बाद में किया गया।
तेजस्वी यादव यहीं नहीं रूके… उन्होंने यह भी कहा कि – ‘देश का युवा, किसान, मजदूर आक्रोश में हैं। इस चुनाव में एक तरफ वरिष्ठ नेताओं की टोली थी, जिसमें सीएम समेत कई लोग शामिल थे। लेकिन ये लोग मिलकर भी 31 साल के युवा को रोकने में सफल नहीं हो पाए। राजद को सबसे बड़ी पार्टी बनने से कोई रोक नहीं पाया।’
और तो और आगे वह यह कहते नज़र आए कि – नीतीश जी राज्य में तीसरे नंबर पर आ गए, बिहार के लोगों ने जनादेश में बदलाव किया। नीतीश जी में थोड़ी सी भी नैतिकता है तो कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ गुणा भाग नहीं करें। उन्हें सीएम की कुर्सी से उतर जाना चाहिए।
बताते चलें कि राजद नेता तेजस्वी ने यह भी कहा कि – बिहार चुनाव में मिले जनमत को लेकर पार्टी धन्यवाद यात्रा निकालेगी। हम कहना चाहते हैं कि जिनके पास सरकार है, उनकी बस चार दिन की चांदनी है। अगर जनवरी तक राज्य के लोगों को रोजगार और अन्य समस्याओं का हल नहीं निकलता है तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। हम लोग बिहार की जनता के लिए संघर्ष करेंगे।
प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट.