पटना, १२ मई। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इसी वर्ष से अपने तीन दिवंगत साहित्यकारों कवि राज कुमार प्रेमी, पद्मश्री डा शांति जैन तथा पद्मश्री डा रवींद्र राजहंस की स्मृति में, मूल्यवान साहित्यसेवा करनेवाले हिन्दी-सेवियों को स्मृति-सम्मान से अलंकृत करेगा। ये सम्मान सम्मेलन द्वारा आयोजित स्थापना दिवस समारोह अथवा महाधिवेशनों में प्रत्येक वर्ष दिए जाएँगे।
यह घोषणा, बुधवार को, रमना रोड स्थित दिवंगत कवि के आवास पर आयोजित श्राद्धोत्सव में अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने की। डा सुलभ ने कहा कि ये तीनों साहित्यिक विभूतियों ने न केवल माता हिन्दी के मुख की शोभा बढ़ाने का जीवन पर्यन्त उद्योग किया, अपितु साहित्य सम्मेलन के उन्नयन में भी सहायक रहे। प्रेमी जी सम्मेलन के वर्तमान कार्यसमिति में प्रचारमंत्री और शांति जी वरिष्ठ सदस्य थीं। राजहंस जी विगत कार्यसमिति में सदस्य थे।
डा सुलभ ने कहा कि इन्हें खोकर माता हिन्दी के भाल की दमकती बिन्दी उदास दिखाई देती है। हम यह चेष्टा निरंतर करते रहेंगे, जिससे कि इन प्राणवान साहित्यकारों की सजीव साहित्यिक कृतियाँ और स्मृति, काल के प्रवाह में, कभी भी धूमिल न हो।
इस अवसर पर, वरिष्ठ पत्रकार, साहित्य-सेवी और प्राध्यापक डा ध्रुब कुमार, कवि की विधवा शोभा देवी, पुत्र चंद्र प्रकाश और सूर्य प्रकाश,पुत्रियाँ अंजु देवी, बबीता पोद्दार, कविता वर्मा, जमाता विजय कुमार गुप्ता, लक्ष्मी नारायण पोद्दार, विशंभर नाथ वर्मा, दौहित्र अमित, संदीप, ओम्, शशांक, पौत्र आर्यन, अक्षत, आदित्य, अंशुल, भ्रातृज देवेंद्र प्रसाद गुप्ता ने भी चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा-तर्पण किया।