कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /कोवैक्सिन को विकसित करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने टीके को आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल करने के लिए 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ को आवेदन दी थी . इसके बाद से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन कई दौर की अहम बैठक करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंच सका है. ग्रुप ने 26 अक्टूबर की बैठक में भारत-बायोटेक से अतिरिक्त डाटा मांगा था जिससे अंतिम विश्लेषण किया जा सके. जिस अतरिक्त डेटा की मांग की गई थी उसमें 60 वर्ष से अधिक केलोगोंकाइम्युनोजेनिसीटी डेटा भी शामिल था. इसके अलावा जेंडर के मुताबिक भी डेटा की मांग की गई थी. बीते सप्ताह टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप की मांग पर भारत बायोटेक ने ये डेटा सौंप दिया था. विश्व स्वास्थ संगठन ने अब तक दुनिया की सात कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज अप्रूवल दिया है. संगठन के स्ट्रेटजिक एडवायजरी ग्रुप ने पहले ही कोवैक्सिन का विश्लेषण कर लिया है. बीते सप्ताह देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी कहा था –विश्वव स्वास्थ्य संगठन एक सिस्टम है जिसमें टेक्निकल कमेटी है जिसे कोवैक्सिन को अप्रूव करना था.वैक्सीन इमरजेंसी यूज लाइसेंस देने का अधिकार होता है. इससे पहले सोमवार को मित्र देश ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यात्रा को लेकर कोवैक्सिन को अनुमति प्रदान कर दी है. इस बात की जानकारी भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फैरल ने दी थी. नई अनुमति के बाद कोवैक्सिन हासिल कर चुके भारतीयों को अनुमति मिलेगी.मित्र देश ऑस्ट्रेलिया से पहले ही अनुमति प्राप्त कर चुकी है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर, भारतबायोटेक के एमडी, स्वास्थ मंत्री भारत, एम्स के डॉक्टरों ने डब्ल्यूएचओ को बधाई दी.