सौरभ निगम की रिपोर्ट /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले की तैयारियों का जायजा लेने सोमवार शाम गोरखपुर पहुंचे CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्लांट और एम्स का उद्घाटन कार्यक्रम भव्य होगा. यह उत्तर प्रदेश के विकास के लिए ऐतिहासिक है. गोरखपुर उर्वरक संयंत्र, ₹8,603 करोड़, प्रति वर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन करेगा. इस परियोजना से न केवल किसानों के जीवन में समृद्धि आने की उम्मीद है, बल्कि युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20,000 रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. दूसरी ओर, गोरखपुर एम्स के 1,011 करोड़ रुपये से न केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश की आबादी बल्कि बिहार, झारखंड और नेपाल में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ एक बड़ा हिस्सा लाभान्वित होगा. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 36 करोड़ रुपये का क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, वेक्टर जनित रोगों के परीक्षण और अनुसंधान की सुविधा प्रदान करेगा. हाई-टेक लैब से वेक्टर जनित रोगों से संबंधित परीक्षणों के लिए बड़े शहरों पर क्षेत्र की निर्भरता कम होने की उम्मीद है. मंगलवार से जिले भर में इलेक्ट्रिक बसें भी चलने लगेंगी. इनमें से पंद्रह बसों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर को लखनऊ में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सपना बन चुकी इन तीन बड़ी परियोजनाओं फर्टिलाइजर कारखाने, गोरखपुर एम्स और आईसीएमआर के जांच केंद्र का आगामी सात दिसंबर को उद्घाटन करेंगे.PM मोदी ने कहा था, ‘गोरखपुर में वर्ष 1990 में फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का एक खाद कारखाना था, जो बंद हो गया था. उसके बाद आई सरकारों ने इसे फिर से खोलने पर ध्यान नहीं दिया जिसके परिणाम स्वरुप क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ सामान्य नागरिकों के जीवन पर भी बुरा असर पड़ा. इसे पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में खाद कारखाने का शिलान्यास किया और समय सीमा के अंदर यह कारखाना बनकर तैयार है.’ उन्होंने बताया था कि हिंदुस्तान उर्वरक के नाम से करीब 600 एकड़ क्षेत्रफल में बने इस कारखाने से रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में भी इसकी बहुत बड़ी भूमिका होगी.