पटना -कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी के गठबंधन टूट गया, जनता दल यूनाइटेड ने कर दिया अपने प्रत्याशियों की घोषणा. इसके बाद अब नीतीश कुमार उतरेंगे उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में, बताएंगे मोदी और बीजेपी की खामियां. जनता दल यूनाइटेड के सूत्रों के अनुसार पूरी तैयारी से प्रदेश चुनाव लड़ेगी.जनता दल यूनाइटेड राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के मद्देनजर, नीतीश कुमार का रुख, जो 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी के आलोचक थे, देखने लायक होगा, खासकर डीएनए वाले मुद्दे पर, जिस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कटाक्ष किया था. 25 जुलाई, 2015 को बिहार के मुजफ्फरपुर में परिवर्तन रैली के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कुमार पर हमला करते हुए कहा था, उनके (नीतीश कुमार) डीएनए में कुछ समस्या है, क्योंकि राजनीति का डीएनए ऐसा नहीं है.CM नीतीश कुमार ने पलटवार करते हुए कहा था, मैं बिहार का बेटा हूं और मेरा डीएनए राज्य के लोगों जैसा है। वर्तमान में, भाजपा और जद (यू) बिहार सरकार में क्रमश: 74 और 45 सीटों के साथ गठबंधन सहयोगी हैं.उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव के पहले वाले बीजेपी- जेडीयू गठबंधन आमने सामने हैं. बीजेपी के साथ चुनावी समझौता फेल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष रणनीति बनाने में जुट गए हैं.अब JDU ने ये फैसला किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब यूपी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ चुनाव प्रचार करने की बजाय उनके खिलाफ प्रचार करने के लिए मैदान में उतरेगें.