पटना, २६ जून । सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने बुधवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के पुस्तकालय में नव-निर्मित ‘डा दीनानाथ शरण स्मृति-कक्ष’ का लोकार्पण किया। डा शरण... Read more
(भारतीय चित्रकला की एक अद्भुत शैली है काजली सीही/पटना कलम, मुगल कलाकारों द्वारा 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था और तब इस कलाकृतियों के प्रमुख खरीदार अंग्रेज़ हुआ करते थे जो इसे स्मृति चिन्ह... Read more
पटना, ११ जून। हिन्दी के अनन्य सेवी और मनीषी विद्वान रामधारी प्रसाद ‘विशारद’ के सदप्रयास और सक्रियता से ही बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना हुई थी। वे इसके मुख्य सूत्रधार थ... Read more
पटना, ११ जून। हिन्दी के अनन्य सेवी और मनीषी विद्वान रामधारी प्रसाद ‘विशारद’ के सदप्रयास और सक्रियता से ही बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना हुई थी। वे इसके मुख्य सूत्रधार थ... Read more
पटना, ८ जून। मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मेजर (डा) बलबीर सिंह ‘भसीन’ अपने सिद्धांतों पर कभी भी समझौता नही करने वाले एक आदर्शवादी शिक्षाविद तो थे ही, एक अत्यंत भाव-प्रवण कवि... Read more
पटना, ५ जून। प्रकृति के मुग्धकारी रूप और सुषमा को काव्य में पिरोनेवाले कृतात्मा कवि कलक्टर सिंह ‘केसरी’ पिछली पीढ़ी के एक ऐसे कवि और विद्वान आचार्य थे, जिन्हें ‘प्रकृति-राग... Read more
पटना, १९ मई। सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद द्वारा रविवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन सभागार का नव-विकसित अलंकरण-कक्ष लोकार्पित हुआ। इस अलंकरण-कक्ष को, ९२वें वर्षीय कवि और रंगकर्... Read more
पटना, १३ मई । पटना विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक रहे प्रो नन्द किशोर ‘नवल’ हिन्दी और अंग्रेज़ी के ख्यातिनाम विद्वान ही नहीं एक विलक्षण समालोचक और अद्भुत अध्येता थे। हिन्... Read more
पटना, 9 मई। अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान करने वाले युग-प्रवर्त्तक साहित्यकार थे महावीर प्रसाद द्विवेदी। हिन्दी भाषा और साहित्य के महान उन्नायकों में उन्... Read more
पटना, १५ मई। अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान करने वाले युग-प्रवर्त्तक साहित्यकार थे महावीर प्रसाद द्विवेदी। हिन्दी भाषा और साहित्य के महान उन्नायकों में उन... Read more
पटना, २८ अप्रैल। वरिष्ठ लेखक श्री जियालाल आर्य की लेखन शैली मोहित करती है। उनका उपन्यास ‘सफ़ेद चादर’ एक ऐसी रचना है, जिसे पढ़ना आरंभ करने के बाद समाप्त किए बिना छोड़ने का मन नहीं... Read more
पटना, २२ अप्रैल। संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेज़ी और बांगला के उद्भट विद्वान आचार्य राम दहिन मिश्र काव्य-शास्त्र के भी मनीषी मर्मज्ञ थे। ‘काव्य-दर्पण’ और ‘कवि-विमर्श’ आदि अ... Read more