प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना मुक्त मुहिम को लग सकता है धक्का, में बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग बन सकता है जिला प्रशासन के कोरोना मुक्त मुहिम में रुकावट.बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के प्रति लापरवाही बढ़ा सकती है कोरोना मरीजो की संख्या.लॉक डाउन में हर विभाग द्वारा जब अपने कर्मचारियों को पहचान पत्र दिया गया है ताकि पुलिस द्वारा पूछताक्ष में वो इसे दिखाकर अपने कार्य क्षेत्र में जा सके। वही दूसरी ओर इन आंगनवाड़ियो कार्यकत्रियों को विभाग ने परिचय पत्र तक उपलब्ध करना जरूरी नही समझा.जब इतनी सुरक्षा मिलने के बाद पुलिस वाले और स्वास्थकर्मी कोरोना से संक्रमित हो सकते है तो बिना सुरक्षा के ये आंगनवाड़ी कार्यकत्री क्यों नही. बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग अपने ही आंगनवाड़ियो कार्यकत्रियों की जान की दुश्मन बनी हुई है। विभाग द्वारा न ही अपने आंगनवाड़ियो कार्यकत्रियों को अपने कार्य क्षेत्र में कार्य करने के लिए न पीपीई किट, न सेनेटाइजर, न मॉस्क, न ग्लब्स इत्यादि संशाधन दिया जा रहा है। बल्कि इन कार्यकत्रियों से अपेक्षा की जा रही है वो अपने कार्य क्षेत्र में जाकर घर घर ये जाने की कोई नए व्यक्ति बाहर से आया तो नही है और भी ऐसे कई कार्य है जैसे टीकाकरण, आरोग्य सेतु एप डाउन लोड कराना और पुष्टाहार वितरण करना यहा तक ही नही पुष्टाहार वितरण करते हुए फोटो भी खीच कर विभागीय अधिकारियो को भेजना। फोटो खीचने में सबसे बड़ी परशानी मुस्लिम बहुल इलाको की आंगनवाड़ियो को हो रही है एक तो विभाग बिना सुरक्षा संसाधनो के उन्हें फील्ड में भेज रहा है दूसरी परेशानी मुस्लिम महिलाओं द्वारा फोटो न खिचवाना है। बिना सुरक्षा संसाधनो के फील्ड में भेजे जाने से इन आंगनवाड़ियो के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। जहा पर हर विभाग चाहे वो पुलिस विभाग हो,बैंक हो, नगर निगम हो,स्वास्थ्य विभाग हो, यहा तक की प्राइवेट कम्पनियों में कार्य करने वाले कर्मचारी हो लगभग हर विभाग को अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ख्याल है वही एक विभाग ऐसा भी है ये लोगो को जानकर ताज्जुब होगा जो अपने ही कर्मचारियों की जान जोखिम में डालना चाहता है। विभाग अपने महिला आंगनवाड़ियो को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कार्य करने के दौरान पुलिस सुरक्षा तक मुहैया करा पाने में ना काम है।_
_सूत्रों के हवाले से ज्ञात है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रो में कार्य करने के दौरान ये आंगनवाडी काफी डर डर कर और परेशानी के साथ काम कर रही है। कई जगहों पर तो इनके साथ दुर्व्यवहार होने तक की सूचनाये मिल रही है अगर इस समय इन्हे मुस्लिम बहुल क्षेत्रो में बिना महिला पुलिस व सुरक्षा संसाधनो के भेजा गया तो कोई अनहोनी से इंकार नही किया जा सकता।
सियाराम मिश्रा, सह संपादक