प्राईवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहा कि मार्च से लॉक डाउन होने के बाद आज तक स्कूल फीस ना आने के कारण स्कूल में कार्य करने वाले शिक्षकों एवं कर्मियों को भुगतान करने में स्कूल असमर्थ है जिस कारण स्कूल कर्मी भुखमरी के कगार पर है इसके साथ स्कूल प्रबंधक पर भी जमीन बिल्डिंग का किराया बैंक लोन, गाड़ियों की किस्त रोड टैक्स बिजली बिल आदि का कर्ज बढ़ता जा रहा है इसको देखते हुए एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने सभी एसोसिएशन से जुड़े 2 लाख निजी विद्यालयों और उनके यहां कार्यरत शिक्षकों के द्वारा 28 जून से 30 जून के बीच 20 लाख पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से आर्थिक सहायता की मांग की है अभी तक पूरे देश के 28 राज्यों से हजारों हजार पत्र प्रधानमंत्री के पास जा चुके है आशा करते हैं कि हमारे इस निवेदन को प्रधानमंत्री स्वीकार करेंगे और पिछले 4 महीने से शिक्षक एवं स्कूल जो भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं उन्की आर्थिक सहायता करेंगे एवं उनसे आग्रह है कि जब तक लॉकडाउन रहे तब तक आर्थिक सहायता होती रहे। अन्यथा लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे और उनके परिवार भुखमरी के शिकार हो जाएंगे।
कौशलेन्द्र पाराशर.