पटना । मानव मूल्यों का आज तेजी से क्षरण हो रहा है जिसके कारण संवेदनहीनता बढती जा रही है ।मानवीय मूल्यों की अवहेलना मानवीय जीवन में संकट पैदा कर रहा है जिससे परिवार, सामज, देश और यहाँ तक कि पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है । मनुष्य बिना मानव मूल्यों के मनुष्य हो ही नहीं सकता । भारतीय संस्कृति का सार ही मानव मूल्य है । हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है और यह पैगाम देता है कि हमें मानव के साथ जीव -जन्तुओं एवं प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना चाहिए । मानव मूल्यों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाय यह समय की सबसे बडी जरूरत है ।यथोचित शिक्षा के अभाव में नैतिक और चारित्रिक पतन हुआ है। ‘समकालीन समाज में मानव मूल्यों की आवश्यकता’ विषय पर टी0 पी0 एस0 कॉलेज, पटना में वर्चुअल मोड में चल रहे पाँच दिवसीय स्टूंडेन्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम में बोलते हुए पटना विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त दर्शनशास्त्र विभाग के शिक्षक प्रो0 नरेश प्रसाद तिवारी ने कहीं । विषय प्रर्वतन करते हुए दर्शन परिषद बिहार के सचिव प्रो0 श्यामल किशोर ने कहा कि आज मानव मूल्यों को केवल जानने की नहीं बल्कि जीने की जरूरत है । महात्मा गाँधी इसकी उम्दा मिसाल हैं ।गांधीजी ने सत्य, अहिंसा जैसे मूल्यों की सिर्फ बात ही नहीं की बल्कि जीवन में इन मूल्यों को आत्मसात भी किया। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो0 उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि छात्र विकास के इस कार्यक्रम की जितनी भी सराहना की जाय वह कम है । आइ0 क्यू0 ए0 सी0 की समंवयक एवं इस कार्यक्रम की आयोजक प्रो0 रूपम ने अतिथि वक्ता का परिचय कराया । हिन्दीे विभाग के अध्यक्ष प्रो0 जावेद अख्तर खाँ ने कार्यक्रम का संचालन किया । धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 विजय कुमार सिंहा ने किया । इस कार्यक्रम में सह-अध्यक्ष प्रो0 अबू बकर रिजवी, प्रो0 अंजलि प्रसाद,प्रो नवेनदु शेखर, प्रो0 हेमलता सिंह, प्रो0 धर्मराज राम, प्रो कृषनंदन प्रसाद , प्रो0 शशिभूषण चौधरी, डॉ0 दीपिका, डॉ0 विनय भूषण, डॉ0 उदय,डॉ प्रशांत, डॉ नूपुर, डॉ नूतन, के अलावा 250 से अधिक छात्र-छात्राएँ शामिल हुए तथा प्रश्नोतर काल में कई प्रश्न रखें।
सुरभि संप्रिया,