बिहार में मुस्लिमों के बड़े नेता और सबको साथ लेकर चलने की बात करने वाले अशफाक रहमान- सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भड़के हुए हैं. उन्होंने सवाल किया क्या 45 वर्षों तक गुलाम नबी आजाद ने नेहरू परिवार की सेवा नहीं की. 45 वर्षों बाद गुलाम नबी आजाद के सवाल उठाने से साबित होता है राहुल गांधी को सोचने की ताकत नहीं है. गुलाम नबी आजाद और आज शकील अहमद के हुए निलंबन मुक्त पर उन्होंने कहा अब मुस्लिम समझदार हैं कांग्रेस के झांसे में नहीं आएंगे.अशफाक़ रहमान कहते हैं कि अब वह दौर ख़त्म हो गया कि दलित के नेता. बीआरअंबेडकर,मुसलमान के नेता मौलाना अबुल कलाम आज़ाद और जवाहर लाल नेहरु देश के नेता होंगे.यह परिपाटी अब नहीं चलने वाली.सभी लोगों को यह समझ लेना चाहिये.मनुवादी सिस्टम ने वर्ण व्यवस्था बनाये रखने के लिए इस सोच को स्थापित किया था और दलित हों या मुसलमान चुपचाप इस सिस्टम के हिस्सा बन गये.अब यह नहीं चलेगा कि सब लोग मेहनत करें और देश का नेता कोई और होगा.अब इस परिपाटी से उतरना होगा.देश का नेता दलित क्यों नहीं हो सकता?मुसलमान क्यों नहीं?कोई भी हो सकता है.जिनको ग़ुलामी पसंद है,वे आज़ाद हो नहीं सकते.अब इस परिपाटी से उतरना होगा.देश का नेता दलित क्यों नहीं हो सकता?मुसलमान क्यों नहीं?कोई भी हो सकता है.जिनको ग़ुलामी पसंद है,वे आज़ाद हो नहीं सकते.सम्मानजनक नेतृत्व की लड़ाई ख़ुद लड़नी होती है.जनता दल राष्ट्रवादी की स्थापना इसी सोच के तहत हुई.हम किसी भी गठबंधन में समानांतर नेतृत्व की बात करते हैं और करते रहेंगे.यदि हम किसी को सम्मान करते हैं तो दूसरे को भी हमारी लीडरशिप का सम्मान करना होगा.
कौशलेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट.