कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /साबीर अली को बीजेपी में मिला बड़ा गिफ्ट, बनाये गए युवा मोर्चा के महासचिव । वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने तो साबिर अली को आतंकी भटकल का दोस्त तक बता दिया था। विरोध के बाद भाजपा को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था। भाजपा ने साबिर अली को सदस्यता देने के 24 घंटे के अंदर ही पार्टी से बाहर कर दिया था। भाजपा से बाहर होने के बाद साबिर अली ने नकवी पर मानहानि का भी मुकदमा कर दिया था, जिसे दोनों नेताओं में आपसी सुलह होने के बाद साबिर अली ने वापस ले लिया था।2015 में फिर से भाजपा में शामिल हुए साबिर अली,महीनों के विवाद और लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद साबिर अली को भाजपा में फिर से एंट्री मिल गई। साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के पहले अल्पसंख्यक वोट पर नजर रखते हुए भाजपा ने साबिर अली को पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी।
साबिर अली और मुफ्ती अब्दुल वहाब कासमी को मिली जगह
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा में बिहार से दो नामों को जगह मिली है। अररिया के मुफ्ती अब्दुल वहाब कासमी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि 2014 में भाजपा में शामिल हुए साबिर अली को मोर्चा में महामंत्री की जगह दी गई है। साबिर अली भाजपा से पहले जदयू में थे। जदयू से वे राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं।
साल 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान जब बिहार में जदयू और भाजपा अलग-अलग चुनाव लड़ रही थी और नरेन्द्र मोदी को लेकर जदयू के अंदर जबदस्त विरोध का दौर था, उसमें साबिर अली ने नरेन्द्र मोदी की तारीफ की थी। साबिर अली के नरेन्द्र मोदी के समर्थन में दिए गए बयान के बाद जदयू ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था