जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 16 दिसम्बर ::पटना और राँची स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ में यूजीसी महिला अध्ययन केंद्र, पटना विश्वविद्यालय, पटना और झारखंड उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के तत्वाधान में “21वीं सदी में महिलाओं के धार्मिक अधिकार और मानवाधिकार” विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ यूजीसी महिला अध्ययन केंद्र, पटना विश्वविद्यालय की विभागाध्य डॉ सुनीता रॉय ने की। उन्होंने अपने शुभारंभ कार्यक्रम में अत्यंत ही सहज एवं विस्तृत तरीके से संगोष्ठी के विषय वस्तु से उपस्थित प्रबुद्ध आगंतुकों का परिचित कराया। साथ ही उन्होंने वर्तमान कालखंड में संगोष्ठी के विषय चयन के औचित्य और समकालीन परिस्थितियों के मध्य इसके महत्व को अतिथियों के बीच साझा किया।कार्यक्रम के पहले दिन अपने- अपने क्षेत्रों में ख्यातिप्राप्त एवं संबंधित विषयों में पारंगत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थिति रहे, परन्तु कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मुख्य अतिथि माननीय न्यायाधीश डॉ• रवि रंजन जी,(मुख्य न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय- सह – चांसलर एन.यू. एस.आर.एल, रांची) रहे।कार्यक्रम के दौरान अपनी वाकपटुता और सहज व्यवहार से उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।संगोष्ठी के विषयवस्तु पर दिए गए अपने सारगर्भित और ज्ञानवर्धक अभिभाषण में उन्होंने महिलाओं के धार्मिक अधिकारों के क्रियान्वन संबंधी सामाजिक एवं आर्थिक जटिलताओं को रेखांकित करते हुए अपने न्यायिक अनुभव का परिचय देते हुए, एक समाज विज्ञानी के दृष्टिकोण से इसके व्यावहारिक समाधान के ऊपर भी बेहद रोचक अंदाज में प्रकाश डाला।कार्यक्रम के दूसरे दिन भी अनेक विद्वान विधिवेत्ताओ ने कार्यक्रम के मूल विषय पर प्रस्तुति दी,जिसमें मुख्य रूप से प्रो•(डॉ)• अफजल वानी, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली एवं डॉ. सलीम जावेद, (प्रोफेसर),पटना विश्वविद्यालय, पटना ने अपने वक्तव्यों में महिला अधिकारों के बहुआयामी विकास की पुरजोर वकालत करते हुए, महिलाओं के हितों संबंधी विभिन्न धार्मिक पहलुओं को भी सम्मानित अतिथियों के बीच रखने का प्रयास किया।कार्यक्रम के उद्देश्य की समग्रपूर्ति हेतु एक अनोखी पहल के रूप में कार्यक्रम में धार्मिक विषयों के जानकार भी उपस्थित रहें। संगोष्ठी की शोभा, लक्ष्मण किला मंदिर, अयोध्या के महाराज श्री मिथलेश नंदानी शरण जी ने बढ़ाते हुए , अपने अकाट्य संबोधन में महिला अधिकारों के समर्थन में धार्मिक पुस्तकों की तर्कपूर्ण व्याख्या करते हुए सभी श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया।सेमिनार के आखिरी दिन मुख्य अतिथि के रूप में माननीय न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय श्री सूर्यकांत जी उपस्थित रहे, जिन्होंने विशेष रूप से संविधान की रचना में महिलाओं की भागीदारी के गौरवशाली इतिहास का जीवंत उदाहरण देते हुए, इस परंपरा को और समृद्ध बनाने पर बल दिया।अन्य विशिष्ठ अथितियों में विश्वविख्यात मनीषी डॉ• राकेश सिन्हा प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय एवं राज्यसभा सदस्य ने भी अपने ज्ञानामृत और नवचेतना से परिपूर्ण विचारों से अथितियों को काफी प्रभावित किया|कार्यक्रम के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री मनन कुमार मिश्रा भी उपस्थित रहें, जिन्होंने महिला अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।कार्यक्रम का समापन यूजीसी महिला अध्ययन केंद्र, पटना विश्वविद्यालय, पटना के डॉ. राकेश रंजन प्रॉजेक्ट एसोसिएट के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुई। इस अवसर पर यूजीसी महिला अध्ययन केंद्र, पटना की प्रमुखडॉ. सुनीता राय एवं डॉ. राकेश रंजन द्वारा लिखित पुस्तक का भी माननीय अतिथियों ने विमोचन किया।