प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट / चीफ आफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल बीयर कृष्णा के नेतृत्व में शुक्रवार को 3:30 बजे एक औपचारिक समारोह में अमर जवान ज्योति के विलय की प्रक्रिया शुरू हुई. तीनों सेनाओं के ध्वज लेकर आगे चलते सैनिकों ने इस” लौ “एक हिस्सा लेकर रवाना हुआ. उसके पीछे तीनों सेनाओं का बैंड था. इंडिया गेट से करीब 400 मीटर दूर युद्ध स्मारक पहुंचने पर एक-दूसरे सैनिकों ने लौ के मशाल को प्रज्वलित की. और उसे समारोह पूर्वक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में पहले से जल रही “लौ” में मिला दिया गया. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में 15 मीटर ऊंचे स्तंभ के नीचे अमर जवान ज्योति “लौ “रही है. इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की शुरुआत 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अमर शहीद सैनिकों के स्मृति में की थी. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुभाष चंद्र बोस के प्रतिमा को इंडिया गेट पर स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री जी के निर्णय का स्वागत किया. केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर नेताजी को बड़ा सम्मान देते हुए उनकी प्रतिमा को इंडिया गेट पर स्थापित करने का फैसला किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.