प्रिया की रिपोर्ट /उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत मनीष प्रभात पहुचे गया। मशरूम प्लांट का किया निरीक्षण। कहा विदेशों में हो भारतीय मशरूम का निर्यात, इस दिशा में करेंगे.उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत मनीष प्रभात आज गया पहुचे हुए थे। यहां उन्होंने तिलकुट निर्माण कार्य को देखते हुए जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुरुआ प्रखंड के इटहरी गांव पहुचे जहां पर विगत कई वर्षों से मशरूम प्लांट संचालित है। इस प्लांट में प्रति दिन 4 सौ से 5 सौ किलो तक मशरूम का उत्पादन होता है। सबसे बड़ी बात है कि मशरूम उत्पादन में पराली का उपयोग होता है जो इन दिनों बड़ी समस्या बनी हुई है। मशरूम निकालने के बाद वह पुनः उर्वरक के रूप में खेतों में काम आ जाता है। इस प्लांट के संचालक राजेश सिंह के द्वारा जिले के महिलाओं को मशरूम उत्पादन के लिए ट्रेनिंग भी दिया जाता है। अभी तक हजारो महिलाएं ट्रेनिंग पाकर स्वाबलंबी हो चुकी हैं। राजदूत मनीष प्रभात ने मशरूम उत्पादन की बारीकियों को समझा और कहा कि यह खुशी की बात है कि बिहार के गया जिला में प्रगतिशील कार्य हो रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व मे रहे भारतीय राजदूतों को वार्षिक कॉन्फ्रेंस के लिए बुलाया गया है। गुजरात में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस को पीएम मोदी संबोधित करने वाले हैं। उन्हें निर्देशित किया गया है अपने-अपने गृह राज्य में सभी राजदूत वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत केंद्र सरकार द्वारा चयनित प्रोडक्ट का निरीक्षण करें और कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट दें। इसी के तहत वे यहां आए हैं और तिलकुट निर्माण तथा मशरूम उत्पादन का निरीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि चूंकि वे लोग विदेश सेवा में हैं। भारतीय मशरूम का निर्यात विदेशों में कैसे हो इस दिशा में वे काम करेंगे।