CIN ब्यूरो /मेरे मित्र अजीत आजाद जी को मैथिली कविता संग्रह ‘पेन ड्राइव में पृथ्वी ‘ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें हृदय से बधाई और शुभकामनाएं। अजीत आजाद जी से मेरी पहचान 2013 से है। मैं उन दिनों मधुबनी में हिंदी दैनिक ‘ हिन्दुस्तान ‘ में ब्यूरो चीफ था। दो वर्षों के कार्यकाल में कई कवि गोष्ठियों में मैने शिरकत की, जिसमें अजीत जी मौजूद रहे और काव्य -पाठ किया। कई संगोष्ठियों में भी हम दोनों ने मंच साझा किया। मधुबनी से मेरा तबादला मोतिहारी हुआ। खास बात, यह रही कि मेरा वहां पहुंचने से पहले ही उन्होंने पूर्वी चंपारण के अपने सरोकार के साहित्यकार मित्रों से मेरा परिचय दे दिया था। जब मैंने वहां योगदान किया और लोग मुझसे मिलने आए , तब यह बात पता चली। तब से अब तक हम एक – दूसरे संप्रेषण होता रहा है।
अजीत जी की खास बात यह रही है कि बड़े अध्ययनशील व्यक्ति रहे हैं। मैथिली इनकी रचना की प्रिय भाषा रही है, परंतु हिंदी की भी गहरी समझ रही है। यही वजह है कि इन्होंने मैथिली भाषा के पत्र -पत्रिकाओं में तो कार्य किया ही, जनसत्ता, हिंदुस्तान , प्रभात खबर और दैनिक जागरण जैसे नामचीन दैनिकों के संपादकीय विभाग में भी अपने कार्य से प्रतिष्ठा पाई।अजीत जी के मैथिली में तीस से अधिक कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। कई के हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में अनुवाद हुए हैं। अपने संपादन में कई किताबें भी प्रकाशित की हैं। साहित्य अकादमी से पुरस्कृत इनका कविता संग्रह पेन ड्राइव में पृथ्वी 256 पृष्ठों की पुस्तक है और उसमें 185 कविताएं हैं। अजीत जी ने फोन पर बताया कि नए वर्ष के फरवरी माह में दिल्ली में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। अभी वे दिल्ली में ही हैं। उन्हीं की स्टोरी पर ‘ सल्हेश राजा ‘ नामक फिल्म का निर्माण हो रहा है। अभी उसकी शूटिंग चल रही है।