आपको बता दें कि याचिकाकर्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय कोर्ट से मांग की थी कि आठ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, ऐसे में इन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यकों वाले अधिकार मिलने चाहिए। इन राज्यों में लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और पंजाब शामिल हैं। याचिकाकर्ता ने इस याचिका में 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है जिसमें इन राज्यों में हिन्दुओं की तादाद कम हुई है।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 23 अक्टूबर 1993 में नोटिफिकेशन जारी कर मुस्लिम समेत अन्य समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यकों का दर्जा दिया था। उपाध्याय ने कहा कि 2011 के जनगणना के आंकड़ों की मानें तो देश के 8 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें इन राज्यों में यह दर्जा अभी तक नहीं मिला है।
सुप्रीम कोर्ट ने आठ राज्यों मे हिन्दुओं को अल्पसंख्यक दर्जा माँगने वाली याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा कि वह नेशनल माइनॉरिटी कमीशन को ज्ञापन दे।