प्रिया सिन्हा -CIN /सुप्रीम कोर्ट सख्त-चुनावी बॉण्ड के जरिए मिले चंदे का ब्यौरा मांगा, निर्वाचन आयोग की ओर से पेश की गई दलील पर नाराजगी जताई. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान साफ किया कि फिलहाल स्टेट बैंक आफ इंडिया से राजनीतिक दलों को दान देने वालों की पहचान उजागर करने का निर्देश देने को नहीं कहेंगे. दूसरी तरफ केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संविधान पीठ को बताया कि योजना स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को बढ़ावा देती है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को नगदी से बैंकिंग चैनलों में स्थानांतरित करती है. सुप्रीम कोर्ट के पीठ में पांच सुझाव दिए. सुप्रीम कोर्ट की पीटने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में नगदी को कम करने की आवश्यकता है. अधिकृत बैंकिंग चैनलों को प्रोत्साहित करने पर बोल दिया. बैंकिंग चैनलों के उपयोग को प्रोत्साहित करना. प्रदर्शित सुनिश्चित करने की आवश्यकता. दलाली के बदले की भावना को बैध बनाने की रोकथाम. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम सिर्फ नगद प्रणाली की ओर नहीं जाना चाहते हमारा मानना है कि इसके लिए एक अनुपातिक अनुरूप प्रणाली में करें. जिसे चुनावी बांड की कमियों को दूर किया जा सके.