हरिद्वार (निखिल दुबे) : उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुए बच्चों के लिए राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ शुरू की है. सीएम तीरथ सिंह रावत ने राज्य में ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ की घोषणा की है. ये योजना उन अनाथ बच्चों के लिए है, जिन्होंने कोविड -19 के संक्रमण से अपने माता-पिता को खोया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ‘हमारी सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के सभी ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड-19 महामारी से अपने माता-पिता को खोया है, उन सभी की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी. ऐसे बच्चों को सरकार के तरफ से प्रत्येक महीने 3000 रुपए का भत्ता दिया जाएगा. इसके लिए हम ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ लेकर आए हैं.’
प्रिय उत्तराखंड वासियों,
आपकी सरकार ने यह तय किया है कि प्रदेश के सभी ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड -19 महामारी से अपने माता – पिता को खोया है, उन सभी की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। इसके लिए हम 'मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना' लेकर आए है। pic.twitter.com/MbJ2iB9tn3
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) May 22, 2021
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ के तहत अनाथ बच्चों की आयु 21 वर्ष होने तक उनके भरण पोषण, शिक्षा और रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. उन्होंने बताया कि इन अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए नियम बनाए जाएंगे. अनाथ बच्चों के वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा.
इसकी देखभाल की जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी के पास होगा. बता दे मुख्यमंत्री ने उन परिवारों के लिए भी ₹3000 का भत्ता देने की घोषणा की है जो अपने परिवार के भरण पोषण करने वाले सदस्य को खोया है.