Kaushlendra Pandey / पटना: भाजपा पर हमला बोलते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि एक तरफ भाजपा के नेता गरीबों का हितैषी बनने का नाटक करते हैं वहीं दूसरी तरफ नीतीश सरकार के आरक्षण का दायरा बढ़ाने की घोषणा से ही इनके सीने में आग धधक गयी है. आरक्षण से पिछड़े-अतिपिछड़े व दलितों को मिलने वाले अधिकार की बात सोच कर ही इनका दिमाग मतिशुन्यता का शिकार हो गया है. यही वजह है कि यह लोग बिना वजह के मुद्दों पर पटना से दिल्ली तक छाती पीट रहे हैं. यह दिखाता है कि भाजपा की कथनी और करनी में कितना भारी अंतर है.उन्होंने कहा कि वास्तव में जातिगत गणना के बाद नीतीश सरकार का आरक्षण बढ़ाने का निर्णय आज पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है. देश के सभी राज्यों में ऐसी ही मांग ज़ोर पकड़ने लगी है. दूसरी तरफ हमेशा से पिछड़े-अतिपिछड़े व दलितों को आरक्षण के विरोध में खड़ी रहने वाली भाजपा किसी भी कीमत ऐसा नहीं होने देना चाहती. इसी लिए यह लोग हंगामा करके आरक्षण के मुद्दे पर चल रही चर्चा को भटकाने के एजेंडे पर जुट चुके हैं. यह सीधा-सीधा गरीबों की पीठ में खंजर घोंपने जैसा है. भाजपा के अगले कदम की भविष्यवाणी करते हुए जदयू महासचिव ने कहा कि बिहार में जातिगत गणना और आरक्षण पर मुंह की खाने के बाद भाजपा के नेता अब निश्चय ही इस निर्णय को कोर्ट या किसी दूसरे तरीके से रुकवाने का हरसंभव प्रयास करेंगे. इस बात की पूरी उम्मीद है कि खुद पर्दे के पीछे रहते हुए यह लोग अपने समर्थकों से इसके खिलाफ कोर्ट में केस करवा देंगे. याद करें तो जातिगत गणना के मुद्दे पर भी इन्होने ऐसा ही किया था. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश और सामाजिक न्याय मंत्रालय की संसदीय समिति के समर्थन के बाद भी इन्होनें उसकी राह में रोड़े अटकाने जारी रखे थे. लेकिन भाजपा यह जान ले कि काठ की हांडी बार-बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती. बिहार सरकार उसके किसी भी गरीब विरोधी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगी.