मेरे प्रभु! मुझे इतनी ऊँचाई कभी मत देना, ग़ैरों को गले न लगा सकूँ, इतनी रुखाई कभी मत देना।
अटल बिहारी वाजपेयी अपने पिता के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज में लॉ की पढ़ाई करते थे। दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे और हॉस्टल के एक ही रूम में रहते थे। लेकिन जब छात्रों ने उनके बारे में बातें शुरू की तो दोनों ने अपने सेक्शन बदल लिए।
अटल बिहारी वाजपेयी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह हमेशा से एक पत्रकार बनना चाहते थे, लेकिन गलती से वह राजनीति में पहुंच गए।
उनके व्यक्तित्व से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी प्रभावित थे और उन्होंने कहा था कि अटल जी एक दिन भारत के प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे।
साल 1984 में उन्होंने ग्वालियर में प्रचार के दौरान लोगों से कांग्रेस को वोट देने की आपील की थी। ये एक मात्र चुनाव था जो वह ग्वालियर से हारे थें। इस चुनाव में उनके विरुद्ध माधवराव सिंधिया थें।
26 पार्टियों के साथ सरकार चलाने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने तीन बार इस पद की शपथ ली थी।
अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी रिकॉर्ड 9 बार लोकसभा के लिए चुने गए, जबकि दो बार वह राज्यसभा के लिए चुने गए।
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
अटल जी की बहन ने कई बार उनकी पैंट को घर के बाहर फेंक दिया था, क्योंकि उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और वो नहीं चाहते थे कि अटल जी आरएसएस की खाकी पैंट पहने।
अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी नहीं की। उन्होंने एक बेटी को गोद लिया, जिसका नाम नमिता है।
अटल जी एक मात्र ऐसे नेता हैं, जो चार राज्य यूपी, एमपी, गुजरात और दिल्ली से चुनकर संसद में पहुंचे।
पहले विदेश मंत्री और यूएन की जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण देने वाले पहले व्यक्ति हैं।
वाजपेयी जी ने परमाणु परीक्षण को अनुमति दी थी। उनके कार्यकाल के दौरान ही पोखरण परीक्षण हुआ था।
विज्ञान की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए वाजपेयी जी ने लाल बहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान जय किसान’ में बदलाव किया और ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ का नारा दिया।
अटल जी को कविता लिखना पसंद था। उन्होंन जगजीत सिंह के साथ मिलकर दो एलबम रिलीज किए थे।