Kaushlendra Pandey/पटना, 13 अप्रैल:बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद राज्य के विभिन्न हिस्सों में शराब की तस्करी और बिक्री की घटनाएं सामने आती रही हैं। हाल ही में राज्य पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के तहत भारी मात्रा में अवैध शराब की जब्ती की गई है। इस कार्रवाई को लेकर जहां कुछ वर्गों द्वारा आलोचना की जा रही है, वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. निहोरा प्रसाद यादव ने इसे प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया है।
पटना में कंट्री इनसाइड न्यूज़ एजेंसी से बातचीत करते हुए डॉ. यादव ने कहा, “शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की दिशा में जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे सराहनीय हैं। ऐसी कार्रवाईयों की आलोचना नहीं, बल्कि प्रशंसा होनी चाहिए। प्रशासन शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रहा है, यह राज्य सरकार की इच्छाशक्ति को दर्शाता है।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ विपक्षी दल और असामाजिक तत्व जानबूझकर इस तरह की कार्रवाईयों को विफल या बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि राज्य सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
“जब पुलिस या उत्पाद विभाग की टीमें रात-दिन मेहनत कर बड़ी मात्रा में शराब जब्त करती हैं, तो यह समाज के हित में होता है। शराब से न केवल परिवार टूटते हैं, बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी गुमराह करता है। ऐसे में कार्रवाई की आलोचना करना शराब माफियाओं का समर्थन करने जैसा है,” उन्होंने कहा।
डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने शराबबंदी को सामाजिक आंदोलन का रूप दिया है, और यह केवल एक कानूनी कदम नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे प्रशासन का सहयोग करें और शराबबंदी को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
अंत में उन्होंने कहा कि “जदयू सरकार की नीति स्पष्ट है – चाहे कोई भी हो, कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हम हर उस कदम का समर्थन करेंगे जो बिहार को नशामुक्त बनाने की दिशा में उठाया जाए।”